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BHU अस्पताल में छात्र की पिटाई करने वाले बाउंसर को हटाया गया, वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई

गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में छात्र की पिटाई का मामला — डिप्टी चीफ प्रॉक्टर की रिपोर्ट पर अस्पताल प्रशासन ने बाउंसर को ड्यूटी से हटाया

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BHU News
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वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आईएमएस अस्पताल में मंगलवार को एक छात्र की पिटाई करने वाले बाउंसर ध्रुव कुमार चौबे को ड्यूटी से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई डिप्टी चीफ प्रॉक्टर की रिपोर्ट और वायरल हुए वीडियो साक्ष्य के आधार पर की गई है।
घटना गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में हुई थी, जहां एमए द्वितीय वर्ष (हिंदी) के छात्र अभय कुमार अपने परिजन को दिखाने पहुंचे थे। किसी बात को लेकर छात्र और बाउंसर के बीच कहासुनी हो गई, जिसके बाद बाउंसर ने छात्र की पिटाई कर दी।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें बाउंसर छात्र को घूंसे और थप्पड़ मारते हुए साफ दिखाई दे रहा है।
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प्रशासनिक कार्रवाई और रिपोर्ट
घटना की जांच के बाद अस्पताल प्रशासन ने बाउंसर ध्रुव कुमार चौबे को ड्यूटी से हटा दिया।
डिप्टी चीफ प्रॉक्टर की रिपोर्ट पर हुई इस कार्रवाई की जानकारी पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, आईएमएस निदेशक, सीएमओ वाराणसी और चिकित्सा अधीक्षक को भी दी गई है।
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अस्पताल प्रशासन के अनुसार, छात्र अपने परिजन को बिना नंबर के दिखाने की कोशिश कर रहा था। बाउंसर ने नियमों के अनुसार नंबर से दिखाने को कहा, लेकिन विवाद बढ़ गया और मारपीट की नौबत आ गई।
बाउंसरों को मारपीट करने की छूट कैसे?
यह पहला वाकया नहीं, जब बाउंसर की बत्तमीजी सुर्खियां बनी हों। इसके पहले भी बाउंसरों की बदसलूकी से अस्पताल और ट्रामा सेंटर में बवाल हो चुका है। सूत्र बताते है कि बाउंसर खुद अपने परिचितों और परिजनों को बिना लाइन के ही सीधे डॉक्टरों को दिखाते है। 
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अब सोशल मीडिया पर जनता विश्वविद्यालय से सवाल कर रही है कि, आखिर बिना प्रशिक्षण इन बाउंसरों की ड्यूटी अस्पताल में कैसे लग सकती है, और वह भी तब जब सरकार भी अस्पताल और मंदिरों से बाउंसरों को दूर रखने की बात कह चुकी हो।
घटना के बाद स्थिति सामान्य
घटना के चलते ओपीडी कुछ समय के लिए ठप हो गई थी। हालांकि, दोपहर बाद ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं।
सहायक कुलसचिव और प्रशासनिक अधिकारी विश्वजीत साहा ने बताया कि अस्पताल में अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं।
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