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काली करतूत: एंटी करप्शन ने वाराणसी रोडवेज के बाबू को ₹ 50 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, हाइकोर्ट के डायरेक्शन के बाबजूद पैसे की डिमांड!

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काली करतूत: एंटी करप्शन ने वाराणसी रोडवेज के बाबू को ₹ 50 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, हाइकोर्ट के डायरेक्शन के बाबजूद पैसे की डिमांड!
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वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने  रोडवेज के बाबू रियाजुद्दीन को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी के खिलाफ सिगरा थाने में एंटी करप्शन टीम ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है. गिरफ्तारी के बाद रियाजुद्दीन ने अपनी सफाई में कहा कि ये हमारे टेबल का प्रकरण नहीं है मैं छोटा कर्माचारी हूं. मैंने बस आरएम साहब के निर्देशों का पालन किया है.

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रियाजुद्दीन ने आरएम पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, आरएम साहब ने कल (बुधवार ) बुलाकर कहा था कि रमेश कुमार सिंह का बिंदनगर में ट्रांसफर हो गया है, जो संविदा के एक चालक है. परिवहन विभाग में कार्यरत हैं. रमेश आएगा तो जो पैसे देगा उसे ले लेना. इसी संबंध में रमेश से आरएम की मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को रमेश आया और उसने मुझे पैसे दिया मैंने लेकर जेब में रख लिया.

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मिर्जापुर निवासी रमेश सिंह ने बताया कि 2017 में हमारी पोस्टिंग संविदा चलाक के पद पर चंदौली जिले के डिपो में हुई थी. उन्होंने बताया कि मैं इलेक्शन ड्यूटी में गया हुआ था. वहां पर मेरा वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसकी जिम्मेदारी फोरमैन की थी. रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि एआरएम गौरव वर्मा ने कार्यवाई करते हुए मेरा ट्रांसफर बिंदनगर डिपो में कर दिया. इसके एवज में हमने उनसे एक दो बार मुलाकात भी की, लेकिन उन्होंने हमारे स्थानान्तरण पर कोई भी विचार नहीं किया.
फिर मैं इस संबंध में हाईकोर्ट गया. वहां से मुझे राहत मिली और आदेश दिया गया कि मुझे उसी डिपो में जहां मैं कार्यरत था उसी पद पर फिर से ड्यूटी दी जाए, लेकिन हम इनके डिपो का चक्कर काटते रहे और 9 तारीख को कार्यालय में जाकर रिसीविंग भी करवाई है, लेकिन उन्होंने उसपर ध्यान नहीं दिया और अपने बाबू से मिलने को कहा. जिससे मैं मिला उन्होंने कहा कि आरएम साहब ने कहा कि 1 लाख रुपए दो ट्रांसफर हो जाएगा, इसके बाद हमने कहा कि मैं इतना देने में असमर्थ हूं इसके बाद इन्होंने समझौता करते हुए 50 हजार की बात कही और मैंने लाकर जमा किया.

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बता दें कि इस संबंध में रमेश कुमार मिश्रा ने एंटी करप्शन टीम को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि वह परिवहन विभाग में कार्यरत हैं. आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता से स्थानांतरण के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में की गई रिट याचिका में हुए आदेश के क्रम में ज्वाइन करने के बदले 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी.

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