
BHU की एनेस्थीसिया विभाग महिला प्रोफेसर ने पीएम मोदी से लगाई न्याय की गुहार, ट्रामा सेंटर विवाद में उठाए गंभीर सवाल
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में हुए विवाद के बाद महिला प्रोफेसर ने चिकित्सा शिक्षक के अपमान और पुलिस कार्रवाई में अनदेखी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा हस्तक्षेप मांगा है।




वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर में घटित विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस बार एनेस्थीसिया विभाग की महिला प्रोफेसर ने मामले में न्याय न मिलने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा हस्तक्षेप करने की अपील की है। घटना 26 मई 2025 की है, जब BHU ट्रामा सेंटर में कार्यरत ट्रामा प्रभारी सौरभ सिंह का विवाद महिला प्रोफेसर , प्रो. एसपी मिश्रा और प्रो. विशंभर सिंह से हो गया था। मामला उस समय और बिगड़ गया जब ट्रामा सेंटर में तैनात बाउंसरों ने मनमाने तरीके से हस्तक्षेप कर हालात को और तनावपूर्ण बना दिया।


एनेस्थीसिया विभाग की महिला प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि विवाद के दौरान न केवल उनका अपमान किया गया बल्कि उनके साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की स्थिति पैदा की गई। उन्होंने वाराणसी पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि बिना उनका पक्ष लिए पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी हस्तक्षेप करते हुए बीएचयू प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ट्रामा प्रभारी को हटाया जाए, लेकिन कार्यवाहक कुलपति द्वारा निर्देशों की अवहेलना की गई।


अब इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रोफेसर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की मांग की है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा है कि— "प्रधानमंत्री जी से मुझे भरोसा है। वे मेरी बात जरूर सुनेंगे और न्याय दिलाएंगे। BHU जैसी प्रतिष्ठित संस्था में महिलाओं के साथ यह व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।"
प्रोफेसर ने सवाल उठाया है कि जब राष्ट्रीय महिला आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के निर्देशों की अनदेखी हो रही हो, तो फिर एक महिला शिक्षक को न्याय कैसे मिलेगा?


