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BHU हॉस्पिटल: नर्सिंग अधीक्षक पर भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के आरोप, उच्च स्तरीय जाँच की माँग तेज

BHU कार्डियोलॉजी विभाग में नियुक्ति, वरिष्ठता और कार्यप्रणाली विवादों ने बढ़ाया तनाव; FIR दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं

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वाराणसी, भदैनी मिरर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप फिर से सुर्खियों में हैं। कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफ़ेसर ओम शंकर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ अधिकारियों और विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए।

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इस मामले में, नर्सिंग अधिकारी की शिकायत पर ऑफ़िशिएटिंग नर्सिंग अधीक्षक प्रकाश चंद शर्मा के खिलाफ लंका थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि 2016 से अब तक उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया, दुर्व्यवहार झेलना पड़ा और वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (ACR) प्रभावित करने की धमकी दी गई।

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प्रकाश चंद शर्मा की नियुक्ति 2005 में नर्सिंग अधिकारी के रूप में हुई थी। 2016 में DNS पद पर पदस्थापन के समय वरिष्ठता और पात्रता को लेकर कई आपत्तियाँ दर्ज हुईं। यह मामला आज भी न्यायालय में लंबित है और विभागीय माहौल में तनाव बना हुआ है।

नर्सिंग कैडर में लंबे समय से तनाव

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विभाग में वर्षों से शिकायतें बढ़ती रही हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ACR विवाद
  • इन्क्रीमेंट रोकने के आरोप
  • ड्यूटी पोस्टिंग को लेकर असंतोष
  • दो से अधिक बार हड़ताल की स्थिति

तनावपूर्ण माहौल के कारण दो नर्सिंग कर्मियों की मृत्यु और एक अन्य अधिकारी की गंभीर स्थिति ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


 नए कुलपति सक्रिय, पुरानी फाइलों की समीक्षा

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में नियुक्त कुलपति ने नर्सिंग विभाग के पुराने विवाद और गंभीर घटनाओं की प्राथमिक समीक्षा शुरू की है। BHU प्रशासन का कहना है- “सभी मामलों की जाँच निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निष्पक्षता से की जा रही है। न्याय सुनिश्चित करना विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
16 अगस्त की घटना सहित सभी शिकायतों की दोबारा समीक्षा की जा रही है और सुधारात्मक निर्देश जारी किए गए हैं।

FIR के बाद भी कार्रवाई में देरी

लंका थाना पुलिस ने अदालत के आदेश के आधार पर FIR दर्ज कर दी है, लेकिन शिकायतकर्ता नर्सिंग अधिकारी का कहना है-- “FIR के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, न ही गिरफ्तारी हुई। हम निराश हैं।”
शिकायतकर्ता और विभागीय सूत्रों ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है ताकि पूरे मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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