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बीएचयू छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन, भ्रष्टाचार और अनियमितता की हुई शिकायत

छात्रों ने भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और वर्षों से पद पर जमे अधिकारियों के खिलाफ उठाई आवाज, निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग

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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में कथित व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर छात्रों का आक्रोश मंगलवार को खुलकर सामने आया। दर्जनों की संख्या में छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार से लक्ष्मण दास अतिथि गृह में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में कई अधिकारी और कर्मचारी वर्षों से एक ही पद पर टिके हुए हैं, जिससे न केवल कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है बल्कि भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। छात्रों ने विशेष रूप से कंप्यूटर सेंटर में हुए करोड़ों रुपये के कथित घोटाले और ट्रॉमा सेंटर प्रभारी के खिलाफ बार-बार की गई शिकायतों पर कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाया।
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छात्र प्रतिनिधि डॉ. कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बीएचयू में लंबे समय से भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ चल रही हैं। वहीं डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने कंप्यूटर सेंटर घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। अभय सिंह मिक्कू और प्रफुल्ल पांडेय ने ट्रॉमा प्रभारी पर कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
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छात्रों ने कहा कि यह केवल बीएचयू छात्रों की लड़ाई नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय की साख और भविष्य का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि बीएचयू जैसे ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाले संस्थान को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।
मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने छात्रों की बात ध्यानपूर्वक सुनते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि ज्ञापन के सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की नैतिक प्रतिबद्धता है और कुलपति से चर्चा कर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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ज्ञापन देने वालों में हर्ष तिवारी, अभिषेक कुमार सिंह, हिमांशु राय, शाश्वत चतुर्वेदी, विशाल पासवान, सत्यम राय, आशुतोष शुक्ला, आदित्य तोमर समेत दर्जनों छात्र शामिल रहे।
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