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BHU : पाठ्यक्रम में हिंदू राजाओं का इतिहास पढ़ाने की मांग को लेकर छात्रों ने सौंपा ज्ञापन

सामाजिक विज्ञान संकाय के छात्र कुलसचिव से मिले, की विसंगतियां दूर करने की मांग

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कहा-हिंदू राजाओं को शामिल किये बगैर अधूरा माना जाएगा मध्यकालीन भारतीय इतिहास 

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कुलसचिव से मिलकर विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के स्नातक पाठ्यक्रम से संबंधित विसंगतियों को संदर्भित करते हुए ज्ञापन दिया।

ज्ञात हो कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू होने के बावजूद भी स्नातक (द्वितीय सेमेस्टर) के पाठ्यक्रम में इतिहास विषय के मध्यकालीन इतिहास से हिंदू राजाओं ( राणा सांगा,महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी इत्यादि...) के इतिहास के साथ अनदेखी करना उचित नहीं है। भारत के मध्यकालीन इतिहास में राणा सांगा के खानवा का युद्ध, महाराणा प्रताप की हल्दीघाटी का युद्ध, मराठा उत्कर्ष और वीर शिवाजी के शौर्य के इतिहास को जाने बिना मध्यकालीन भारतीय इतिहास अधूरा माना जाएगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र परिषद के पूर्व सदस्य अभिषेक कुमार सिंह ने कहाकि भारत के मध्यकालीन राजनीतिक इतिहास में राणा सांगा, महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी इतिहास पुरुष एवं राष्ट्र के गौरव हैं।

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यदि इनके शौर्य, पराक्रम और बलिदान के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियां उनके इतिहास से अछूती रह जाएगी। छात्र नेता अभय सिंह ’मिक्कू’ ने कहाकि हाल ही में भारतीय संसद में महाराणा सांगा को अपमानित किया गया, इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे भारतीय इतिहास के पाठ्यक्रमों में वामपंथी इतिहासकारों ने हिन्दू राजाओं को प्रमुखता से न रखकर मुगल शासक बाबर, अकबर, अलाउद्दीन खिलजी को महान बताने का काम किया है। छात्र कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह एवं डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने कहाकि पाठ्यक्रम में हिंदू राजाओं के इतिहास को शामिल करते हुए इतिहास के पाठ्यक्रम को समृद्ध बनाया जाय। इस मौके पर प्रमुख रूप से हर्ष त्रिपाठी,  सनत सिंह, विपिन सिंह,रजत सिंह, डॉ. मनीष भारती रहे।
 

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