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BHU :सर सुंदरलाल चिकित्सालय में अनियमितताओं पर छात्रों ने उठाये सवाल, निदेशक को सौंपा ज्ञापन

लगाया गंभीर आरोप-डॉक्टर कॉलोनी में चलाई जा रही निजी ओपीडी

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कई प्रोफेसरों और डाक्टरों पर भी निजी प्रेक्टिस का आरोप लगाते हुए सौंपा ज्ञापन

कहा-महामना द्वारा स्थपित विश्वविद्यालय की गरिमा को पहुंच रही ठेस

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित सुंदरलाल चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को दर्जनों की संख्या में छात्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक कार्यालय पहुंचे। छात्रों ने अस्पताल की अनियमितताओं, मरीजों और उनके परिजनों को होनेवाली समस्याओं की जानकारी देते हुए निदेशक को ज्ञापन सौपा। छात्रों का कहना था कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा संचालित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में छात्रों एवं विश्वविद्यालय समुदाय को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि महामना द्वारा स्थिपित विश्वविद्यालय परिसर की गरिमा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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छात्रों की यह हैं मांगें-

1. छात्रों के लिए छात्र स्वास्थ्य सेवा संकुल में ओपीडी समयवृद्धि, वर्तमान समय सीमाएं छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों से टकराती हैं। इससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कृपया ओपीडी का समय बढ़ाकर इसे छात्रों के अनुकूल बनाया जाए।

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2. ब्लड कलेक्शन समय 12 तक ही संकलित किया जाता है, इसका समय बढ़ाने की जरूरत है। रक्त संग्रह की सीमित अवधि के कारण छात्रों को असुविधा होती है। 

3. चिकित्सालय परिसर में स्वच्छता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इससे संक्रमण और बीमारियों की आशंका बनी रहती है। 

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4. विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त डॉक्टर परिसर में निजी ओपीडी संचालित कर रहे हैं। इसके कारण बड़ी संख्या में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश होता है। इससे परिसर में भीड, अव्यवस्था एवं कई बार विवाद होते हैं। विश्वविद्यालय परिसर में इस प्रकार की गतिविधि अनुचित एवं नियमों के विरुद्ध है। अतः इस विषय में निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाय।

5. बाहरी वाहनों की पार्किंग रोककर अस्पताल के अंदर और उसके आसपास बाहरी गाड़ियों की अनियंत्रित पार्किंग से अव्यवस्था उत्पन्न होती है। इसके साथ ही आपातकालीन सेवाएं बाधित होती हैं। इस पर सख्ती से रोक लगाई जाय।

6. चिकित्सा विज्ञान संस्थान के कई डाक्टरों द्वारा निजी चिकित्सालय संचालित किया जाता है। ज्ञापन में कुछ के नाम भी दिये गये हैं। ऐसे ही कई अन्य डॉक्टरों द्वारा निजी चिकित्सालय संचालित किया जाता जाता है। प्रोफेसरों और डाक्टरों का यह कृत्य  विश्वविद्यालय नियमावली के खिलाफ हैं। इस पर जल्द से जल्द रोक लगाई जाय।

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7. चिकित्सा विज्ञान संस्थान के ओपीडी में छात्रों एवं कर्मचारियों को 12 से 1 बजे तक का समय दिया गया है। इसको अविलंब समाप्त कर छात्र एवं कर्मचारियों को वरीयता दिया जाय।

निदेशक को ज्ञापन सौंपने के बाद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने कहाकि सर सुंदरलाल चिकित्सालय की अनियमितताओं को लेकर समय-समय पर मामले उठते रहते हैं। शिकायतें भी होती हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन इन्हें गंभीरता से नही लेता। यदि इस बार उनकी मांगों पर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं होती तो वह बड़े स्तर पर आंदोलन के लिए विवश होंगे। यहां कि चिकित्सकों का निजी ओपीडी चलाना तो और भी गंभीर मामला है।
 

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