
BHU : अस्पताल से छूटने के बाद छात्रा अर्चिता फिर धरने पर बैठी
पीएचडी प्रवेश में अनियमितता के खिलाफ आठवें दिन भी धरना जारी




सेंट्रल आफिस के बाहर धरने पर बैठी है छात्रा
नेता, समाजसेवी, अधिकारी के मिलने के बाद भी नही मिला छात्रा को न्याय
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के हिंदी विभाग पीएडी में प्रवेश में अनियमितता के खिलाफ धरने पर बैठी अर्चिता सिंह की मंगलवार को लू लगने से हालत बिगड़ गई। छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया और हालत में सुधार होने के बाद छात्रा फिर धरने पर बैठ गई।
आपको बता दें कि सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद छात्रा अर्चिता सिंह का अब तक एडमिशन नही हो सका है। विश्वविद्यालय प्रशासन तकनीकी खामी का हवाला देकर प्रवेश में दिक्कतें बताता रहा।

अभी हौंसला नही हारी है अर्चिता
बीएचयू के सेंट्रल आफिस के बाहर बैठी अर्चिता सिंह के धरने का बुधवार को आठवां दिन है। इस जबर्दस्त गर्मी में भी वह हौंसला नही हारी है। फिलहाल अर्चिता प्रकरण राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह, कांग्रेस के जिला और महानगर इकाई के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अर्चिता से मिलने पहुंचे थे। अन्य संगठनों ने भी अर्चिता से मुलाकात की और न्याय की लड़ाई में उसका साथ देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन एडमिशन के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।


शिवम को भी बैठना पड़ा था धरने पर
आपको यह भी बता दें कि इससे पहले पीएचडी प्रवेश में अनियमितता को लेकर छात्र शिवम सोनकर ने भी कई दिनों तक धरना दिया था। उस समय भी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को हस्तक्षेप करना पड़ा था। बाद में बीएचयू प्रशासन ने शिवम का एडमिशन लिया। लेकिन अर्चिता के मामले में कोई ठोस नतीजा नही दिखाई दे रहा है। एडीएम सिटी भी अर्चिता से मुलाकात कर चुके हैं।


