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BHU रिसर्च स्कॉलर नाजुक भसीन की इलाज के दौरान मौत, देर रात तक छात्राओं ने किया हंगामा

अस्पताल प्रशासन पर लगाए इलाज में लापरवाही के गंभीर आरोप

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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की पीएचडी स्कॉलर नाजुक भसीन की शनिवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि नाजुक को गंभीर हालत में सर सुंदरलाल अस्पताल के एसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां देर रात 2 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजनों के आने के बाद रविवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।

छात्राओं का देर रात धरना, इमरजेंसी व्यवस्था पर उठे सवाल

नाजुक की मौत के बाद आधी रात के बाद छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा। बड़ी संख्या में छात्राएं BHU की इमरजेंसी पहुंचीं और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। छात्राओं का कहना था कि नाजुक को दो दिन तक सिर्फ ORS और पैरासिटामोल देकर टाल दिया गया, जबकि हरी उल्टियां और बिगड़ती हालत के बावजूद मेडिसिन वार्ड में रेफर नहीं किया गया।

इलाज में हुई लापरवाही के खिलाफ जांच की मांग

छात्राओं ने कहा कि जब विश्वविद्यालय के अपने छात्रों के साथ ऐसी लापरवाही हो रही है, तो आम लोगों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे लोकतांत्रिक रूप से संघर्ष के लिए बाध्य होंगे।

छात्राओं ने रखी चार प्रमुख मांगे:

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  • इमरजेंसी प्रभारी यह स्पष्ट करें कि गंभीर लक्षणों के बावजूद मेडिकल हिस्ट्री क्यों नजरअंदाज की गई, और सामान्य उपचार देकर हॉस्टल क्यों भेजा गया।
  • मृतक छात्रा की हॉस्टल मेट्स को परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए।
  • विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए सीसीयू/आईसीयू की प्राथमिक सुविधा सुनिश्चित की जाए।
  • डॉक्टरों द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, बिना जांच के सामान्य दवा देने की प्रवृत्ति पर रोक लगे।


रेस्टोरेंट का खाना और बिगड़ी तबीयत

नाजुक की साथी छात्राओं ने बताया कि तीन दिन पहले उन्होंने लंका स्थित एक रेस्टोरेंट में भोजन किया था, जिसके बाद उन्हें उल्टियां होने लगीं। इमरजेंसी में दिखाने पर किसी सीनियर डॉक्टर ने नहीं देखा। बाद में जब हालत और बिगड़ी, तो उन्हें लो बीपी और 45 पल्स रेट के साथ एसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मानसिक स्वास्थ्य की दवाएं ले रही थीं नाजुक

डॉक्टरों के मुताबिक, नाजुक 2023 से मनोचिकित्सक से परामर्श ले रही थीं और कुछ दवाएं नियमित रूप से ले रही थीं। हालांकि छात्राओं का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मौत के बाद जानकारी छिपाने की कोशिश की।

प्रतिभाशाली छात्रा थी नाजुक

जम्मू सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एमफिल कर चुकीं नाजुक भसीन BHU में अगस्त 2022 से पीएचडी कर रही थीं। वे ‘कश्मीर के स्मार्ट शहरों के पर्यावरण और नगरीय व्यवस्था’ विषय पर शोध कर रही थीं और उनके तीन रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके थे। 2027 तक उनका पीएचडी कार्य पूरा होने वाला था। नाजुक न्यू पीएचडी गर्ल्स हॉस्टल, कमरा नंबर 110 में रहती थीं।

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