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BHU का तुगलकी फरमान, 232 स्थाई अधिकारियों का बंद हो जायेगा CUG नंबर

अस्थाई पद वाले 38 अधिकारियों का चालू रहेगा CUG

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BHU Varanasi: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अपने नए-नए तुगलकी फरमानों से हमेशा चर्चा में बना रहता है। लाखों रुपए तनख्वाह पाने वाले सलाहकारों ने इस बार ऐसी सलाह दी है, जो विवि के गले कि फांस बन सकती है। तुगलकी फरमान से स्थाई अधिकारी ही परेशान हो उठे है। 20-25 सालों से विवि के पूर्व कुलपतियों ने जिस सीयूजी नंबर को जनता, मीडिया, शिक्षक, मंत्रालय व अन्य विभागों से कम्युनिकेशन मजबूत करने को दिया था, अब उसे बंद करने का फरमान जारी हो गया है। विवि के स्थाई पद वाले अफसरों को अब अपना सीयूजी 30 जून तक सरेंडर करना होगा। 
कुलसचिव कार्यालय की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि सिर्फ 38 अधिकारियों को ही अपना पुराना सीयूजी नंबर चालू रखने की अनुमति दी गई है। हालांकि ये भी कहा गया है कि यदि किसी को अपना नंबर सक्रिय रखना हो तो वो पोस्टपेड से प्रीपेड करा सकता है। उसे बीएसएनएल कंपनी से संपर्क करना होगा। बीएचयू की ओर से 350 रुपये धनराशि की भरपाई कर दी जाएगी। हालांकि बीएसएनएल के अफसरों का कहना है कि पोस्टपेड से प्रीपेड करने के दौरान नंबर को करीब 60 दिनों तक बंद रखा जाएगा। अब सवाल है कि कई अधिकारियों ने अपना सीयूजी नंबर ही जेम पोर्टल से लेकर , मंत्रालय, आरटीआई और अपील अधिकारियों के यहां दर्ज करवाया है। 
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14 डीन और 5 निदेशक के CUG नंबर रहेंगे चालू
बीएचयू के सहायक कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में उन अधिकारियों की सूची जारी की गई है जिनके CUG (Closed User Group) मोबाइल नंबर बंद नहीं किए जाएंगे उनमें, 14 डीन, 5 निदेशक, चीफ प्रॉक्टर, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर, छात्र अधिष्ठाता (D.S.W.), लाइब्रेरियन, परीक्षा नियंत्रक, गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स के चीफ वार्डेन, सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) और डिप्टी MS, यूडब्ल्यूडी के सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, बागवानी विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज, सेनिटरी सपोर्ट सर्विस प्रोफेसर, आईसीयू इंचार्ज, आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee), लीगल सेल, एंटी रैगिंग कमेटी और सेंट्रल ऑफिस के केयरटेकर शामिल है।
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