
BHU : अब बिना चीरा लगाए ग्रास नली की होंगी दिक्कतें दूर
एंडोस्कोप के माध्यम से ग्रास नली की मांसपेशियों को काटकर किया जाएगा समस्या का समाधान




वाराणसी, भदैनी मिरर। ग्रास नली की दिक्कतों को दूर करने के लिए अब बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसमें बिना चीरा लगाये मांसपेशियों को काटकर समस्या का समाधान करने जा रहा है।

हर दिन 15 से अधिक मरीज हो रहे पंजीकृत
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में हर दिन 15 से अधिक मरीज पंजीकृत हो रहे हैं। इन मरीजों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें ग्रास नली (आहार नाल) संबंधी दिक्कतें हैं। लेकिन मौजूदा समय में विभाग में इस तरह की सर्जरी के लिए न तो पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ। ऐसे में मरीजों को जनरल सर्जरी विभाग में भेजा जाता है। फिलहाल हेलर्स मायोटामी तकनीक से सर्जरी की जाती है, जिससे मरीजों को राहत तो मिलती है। लेकिन इसमें संक्रमण, रक्तस्राव और लंबे समय तक दर्द की समस्या बनी रहती है।


तकनीक को जल्द शुरू करने के लिए मेडिकल सुविधाएं और संसाधन जुटाने की प्रक्रिया शुरू
इसके अलावा जीआरडी (गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) का भी खतरा रहता है। ऐसे में अब बीएचयू का गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों की तरह उन्नत तकनीक पीओईएम (पेरोरल एंडोस्कोपिक मायोटामी) अपनाने जा रहा है। यह विधि बिना चीरा लगाए एंडोस्कोप के माध्यम से ग्रास नली की मांसपेशियों को काटकर समस्या का समाधान करती है, जिससे भोजन आसानी से पेट में जा सके। विभाग में इस तकनीक को जल्द शुरू करने के लिए जरूरी मेडिकल सुविधाएं और संसाधन जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लागू होने से मरीजों को अधिक सुरक्षित, कम दर्द वाली और कम जोखिम वाली सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी। विभागाध्यक्ष डा. देवेश प्रकाश यादव ने बताया कि पीओईएम विधि से बाहर से चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। दर्द कम होता है और शीघ्र ठीक हो जाते हैं. मरीज को अस्पताल में कम समय तक रहने की आवश्यकता होती है। आहार नाल की समस्याओं के इलाज में यह विधि काफी मददगार हो सकती है।

ग्रास नली से भोजन निगलने में परेशानी के कारण
- ग्रासनली में सूजन, अल्सर या ट्यूमर होना।
- अचलासिया समेत ग्रासनली की मांसपेशियों की समस्याएं।
- स्ट्रोक या पार्किंसंस रोग जैसी न्यूरोलाजिकल विकार।
- ग्रासनली में किसी वस्तु का फंस जाना। गैस्ट्रोइंट्रोलाजी

