
BHU: शोध प्रवेश में धांधली का आरोप लगाकर धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह से मिले सांसद वीरेंद्र सिंह, कार्यवाहक कुलपति से भी की मुलाकात
कुलपति से मिलकर जताया विरोध, कहा – जांच नहीं हुई तो सड़क से संसद तक चलेगा आंदोलन




वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शोध प्रवेश प्रक्रिया में धांधली और आरक्षण नियमों की अनदेखी के आरोपों को लेकर धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह से सोमवार को चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने मुलाकात की। बीएचयू सेंट्रल ऑफिस पर चल रहे इस धरने में पहुंचे सांसद ने छात्रा को न्याय का भरोसा दिलाया और विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया।

सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि "बीएचयू में जिस तरह से मेरिट की अनदेखी कर बीजेपी और संघ से जुड़े लोगों को एडमिशन दिया जा रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा महज़ दिखावा बनकर रह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अगर बेटियों के साथ ऐसा हो रहा है तो देश की अन्य यूनिवर्सिटियों की स्थिति और भी खराब होने की कल्पना की जा सकती है।"


उन्होंने बताया कि अर्चिता सिंह को पीएचडी में EWS कोटा के तहत चयनित किया गया था, लेकिन बाद में उनका चयन अमान्य घोषित कर दिया गया और किसी अयोग्य अभ्यर्थी को प्रवेश देने का प्रयास किया गया। इसी अन्याय के खिलाफ अर्चिता संघर्ष कर रही हैं।
‘सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेंगे’

सांसद वीरेंद्र सिंह ने बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति से मुलाक़ात कर इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर त्वरित समाधान की मांग की। उन्होंने कुलपति को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक उठाया जाएगा। कुलपति ने उन्हें जल्द जांच का आश्वासन दिया है।
सांसद ने कहा कि वे EWS आरक्षण के सरलीकरण और इससे जुड़ी विसंगतियों का मुद्दा संसद में भी मजबूती से उठाएंगे। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव, एमएलसी आशुतोष सिन्हा सहित कई पार्टी कार्यकर्ता और समाजवादी छात्र नेता मौजूद रहे।

