
BHU अस्पताल टेंडर घोटाला: नोबल स्टार हेल्थ के निदेशकों पर दर्ज FIR नहीं होगी रद्द, 90 दिनों में पूरी करनी होगी विवेचना




वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस-BHU) में जारी टेंडर प्रक्रिया में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में फंसे नोबल स्टार हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक उदयभान सिंह और रजनी सिंह को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।


अगस्त 2024 में बीएचयू के चिकित्सा संस्थान ने पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेवाओं और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक टेंडर आमंत्रित किया था।
प्राथमिकी में यह आरोप है कि अभियुक्तगण ने टेंडर में भाग लेने हेतु दो कूटरचित अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए और सात रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर सहित नकली अनुबंध पत्र बीएचयू प्रशासन को सौंपा। इसका उद्देश्य टेंडर प्राप्त करने हेतु गलत दस्तावेजों का सहारा लेना था।


एफआईआर और कानूनी कार्यवाही
दिनांक 30 मई 2025 को आईएमएस-BHU के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार द्वारा वाराणसी के लंका थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें भारतीय दंड संहिता की धाराएं 336(3), 338, 340(2), 318(4), 61(2)(A) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

उदयभान सिंह व रजनी सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि—
- प्रथम दृष्टया आरोप गंभीर हैं
- एफआईआर को निरस्त नहीं किया जा सकता
- पुलिस को 90 दिनों में विवेचना पूर्ण कर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है
- यदि अभियुक्त पुलिस जांच में सहयोग नहीं करते, तो दण्डात्मक कार्रवाई की जा सकती है
अब जबकि उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है, अभियुक्तों की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।


