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बीएचयू ईसी बैठक में वन पर्सन-वन पोस्ट नीति पर सहमति, जाने क्या-क्या लिए गए निर्णय

पूर्व कुलपति के कार्यकाल की नियुक्तियों को मिली वैद्यता, 423 पन्नों के एजेंडे पर 18 प्रमुख प्रस्तावों पर हुई विस्तृत चर्चा

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पूर्व कुलपति सुधीर कुमार जैन के कार्यकाल की सभी नियुक्तियों को वैधता 

शिक्षण और गैर-शिक्षण प्रमोशन प्रक्रियाओं को मंजूरी

"वन पर्सन-वन पोस्ट" नीति लागू — एक व्यक्ति एक पद

चार महीने में पूरा बीएचयू कैंपस सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा

हॉस्टलों में बाहरी लोगों के रहने पर सख्त निगरानी

कर्मचारियों के सोशल मीडिया उपयोग पर नियंत्रण

400 बेड के नए गेस्ट हाउस और ट्रॉमा सेंटर, अस्पताल संचालन समिति की घोषणा

वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की कार्यकारिणी परिषद (Executive Council - EC) की पहली बड़ी और मैराथन बैठक गुरुवार को होलकर भवन में हुई। दोपहर तीन बजे शुरू हुई बैठक देर रात तक चली। बीच में कुछ मिनट का ही डिनर ब्रेक रखा गया। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने की, जिसमें रेक्टर, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी और ईसी के सभी सदस्य शामिल रहे। पिछली बैठक 20 नवंबर 2020 को हुई थी।
इस बार ईसी के सामने 423 पन्नों का एजेंडा रखा गया, जिसमें 18 प्रमुख मुद्दे और 17 पूरक प्रस्ताव शामिल थे। बैठक में शिक्षण, प्रशासन, वित्त, चिकित्सा और भर्ती से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए।
पूर्व वीसी के कार्यकाल की नियुक्तियों को वैधता
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सबसे महत्वपूर्ण फैसला पूर्व कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के कार्यकाल में हुई टीचिंग और नॉन-टीचिंग नियुक्तियों से जुड़ा रहा। लंबे विमर्श के बाद परिषद ने इन सभी नियुक्तियों को वैध घोषित कर दिया।
साथ ही, उन पदों की समीक्षा की गई जिन्हें “अगले आदेश तक” के आधार पर भरा गया था। अब उन्हें नियमित प्रक्रिया से स्थायी मंजूरी दी जाएगी।
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नॉन-टीचिंग पदों की चल रही चयन प्रक्रिया को अगले दो महीनों में पूरा करने का भी निर्देश दिया गया। जिन पदों का विज्ञापन इस वर्ष जारी हुआ है, उनकी भर्ती प्रक्रिया को गति देने पर भी जोर रहा।
प्रमोशन और नई नीति पर निर्णय
परिषद ने लंबे समय से लंबित नॉन-टीचिंग स्टाफ के प्रमोशन की मांग को मंजूरी दे दी है। पहले पदोन्नति के माध्यम से रिक्त पदों को भरा जाएगा, इसके बाद शेष पद विज्ञापन के जरिए पूरे होंगे।
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साथ ही, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और सीनियर प्रोफेसर स्तर पर हुई प्रमोशन प्रक्रियाओं को भी वैधता दी गई।
जूलॉजी विभाग के प्रो. शैल पांडेय से जुड़े मामले में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन पर भी सहमति बनी।
"वन पर्सन-वन पोस्ट" नीति लागू
बैठक में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए वन पर्सन-वन पोस्ट नीति को मंजूरी दी गई। अब कोई भी अधिकारी या शिक्षक एक साथ एक से अधिक पद नहीं संभाल सकेगा। परिषद ने इसे उत्तरदायी प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम बताया।
चार महीने में पूरे कैंपस में CCTV
बीएचयू परिसर को चार महीने के भीतर CCTV कैमरों से लैस करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, प्रमोशन के लिए नियमावली (Promotion Policy) तैयार की जाएगी ताकि किसी का प्रमोशन “चेहरा देखकर” न हो।
हॉस्टलों में बाहरी लोगों पर सख्ती
बिड़ला हॉस्टल समेत सभी छात्रावासों में बाहरी लोगों के ठहरने पर रोक को सख्ती से लागू किया जाएगा। यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो संबंधित वार्डेन को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
अन्य अहम निर्णय
  •  तेलुगू विभाग के प्रो. वेंकटेश्वरलू के निलंबन को परिषद ने मंजूरी दी।
  • कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया या मीडिया का नकारात्मक इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई।
  • बीएचयू में 400 बेड का गेस्ट हाउस बनाने का निर्णय हुआ।
  • ट्रॉमा सेंटर और हॉस्पिटल के संचालन के लिए एक विशेष समिति गठित की जाएगी।
हर मुद्दे पर औसतन आधे घंटे तक चर्चा हुई और सभी प्रस्तावों को विस्तार से परखा गया।
बैठक में शामिल रहे सदस्य
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी, भाजपा काशी क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, समाजशास्त्री प्रो. ओम प्रकाश भारतीय, प्रो. श्वेता प्रसाद, जंतु विज्ञान विभाग के रिटायर्ड प्रो. बेचन लाल, और रेडियोथेरेपी विभाग के रिटायर्ड प्रो. यू.पी. शाही बैठक में सदस्य के रूप में उपस्थित रहे।
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