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बनारस में गर्मी का कहर शुरू, 34 साल में पहली बार मार्च में तापमान पहुंचा 37.8°C 

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वाराणसी: बनारस में गर्मी ने समय से पहले ही अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। बुधवार को तीखी धूप और गर्म हवाओं ने लोगों को बेहाल कर दिया। दिनभर जलती धूप ने शहर का अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया, जो पिछले 34 वर्षों में 15 मार्च से पहले का सबसे ऊंचा तापमान है।  

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इससे पहले, 2018 में मार्च के दौरान अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, बुधवार को झांसी (39.3°C) के बाद बनारस यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर बन गया। 

गंगा घाटों पर भी गर्मी का असर, बढ़ी तपिश

चार महीने तक ठंड का अहसास कराने वाले गंगा घाटों पर अब दोपहर की धूप आग बरसाने लगी है। तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर चला गया है, जिससे घरों की दीवारें, छतें और सड़कें भी तपने लगी हैं।  
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गर्मी बढ़ने के दो बड़े कारण  

मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, इस बार मार्च के पहले पखवाड़े में ही असामान्य रूप से तापमान बढ़ने के पीछे दो मुख्य वजहें हैं:  

1. पश्चिमी विक्षोभ का न आना: बादल, तेज हवा या बारिश जैसी स्थितियां न बनने के कारण मौसम पूरी तरह साफ बना हुआ है।  
2. मध्य भारत में एंटी साइक्लोनिक प्रभाव: इस वजह से बारिश नहीं हो रही और हवा की गति भी धीमी बनी हुई है, जिससे गर्मी तेजी से बढ़ रही है।  

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हीट वेव की दस्तक

विशेषज्ञों का कहना है कि बनारस जल्द ही हीट वेव की चपेट में आ सकता है। बुधवार को हवा की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई, जबकि नमी 32 से 78 प्रतिशत के बीच रही।  

रेडिएटिव हीटिंग का असर

 मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, बनारस में रेडिएटिव हीटिंग तेज हो गई है, यानी धरती सूर्य से आने वाली ऊष्मा को तेजी से अवशोषित कर रही है। यही कारण है कि रात का तापमान भी 17.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है।  

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अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में बनारस में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है, जिससे लोगों को **भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ेगा।

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