अटेवा पेंशन बचाओ मंच ने मनाया काला दिवस, शिक्षकों और कर्मियों ने कालीपट्टी बांधकर NPS/UPS के विरोध में DM को सौंपा मांगपत्र




वाराणसी। अटेवा/NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के आह्वान पर मंगलवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच, वाराणसी द्वारा काला दिवस मनाया गया। इस दौरान शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर NPS/UPS का विरोध किया।
दोपहर 3 बजे अंबेडकर पार्क, कचहरी में सभी शिक्षक और कर्मचारी एकत्र हुए और काला दिवस मनाया। इसके बाद OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) बहाली की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा गया।

NPS/UPS के खिलाफ शिक्षकों और कर्मचारियों की चेतावनी
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक चंद्रप्रकाश गुम ने की, जबकि संचालन जिला महामंत्री बी.एन. यादव ने किया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र राय ने कहा कि *"NPS/UPS एक धोखा है और भविष्य में यह देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।"* वहीं, पूर्व जिला संयोजक विनोद यादव ने कहा कि *"सरकार पहले NPS को आदर्श बताती थी, फिर UPS क्यों लाना पड़ा? शिक्षक और कर्मचारी अब किसी भ्रम में नहीं आने वाले, हमें केवल OPS चाहिए।"

अटेवा और अन्य संगठनों का समर्थन
अटेवा जिला संरक्षक एवं चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामचंद्र मुभाजी ने कहा कि **"जब तक OPS बहाल नहीं होगी, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे, जरूरत पड़ी तो वोट की चोट करेंगे।
इस प्रदर्शन में अटेवा मंच वाराणसी के सहसंयोजक डॉ. सहतेशामुल हक, प्रमोद कुमार पटेल, जिला मंत्री जाफर अंसारी, शैलेष कुमार, अंजनी कुमार सिंह, अजय कुमार यादव, आनंद कुमार पांडे, गुलाबचंद कुशवाहा, सुरेंद्र प्रताप सिंह, शशांक शेखर श्रीवास्तव, इमरान अंसारी सहित कई अन्य शिक्षक और कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए।

कई संगठनों ने दिया समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन में **जिला नर्सेज संघ, कर्मचारी संघ विकास भवन, लेखपाल संघ, शिक्षक महासभा, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, विद्युत विभाग, पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ, वित्तविहीन शिक्षक संघ, पेंशनर संघ सहित कई संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
एक देश-एक पेंशन की मांग
इस दौरान अटेवा के जिला महामंत्री वी.एन. यादव ने सरकार से सवाल किया कि **"जब देश में 'एक देश-एक चुनाव' की तैयारी हो रही है, तो 'एक देश-एक पेंशन' क्यों नहीं हो सकता?"
कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

