
फ्रॉड कंपनी निलगिरी इन्फ्रासिटी के सीएमडी-मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ एक और केस, दर्ज हैं 100 से ऊपर मुकदमें




वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन, मकान, प्लॉट और निवेश के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने वाली फ्रॉड कंपनी नीलगिरी इंफ्रासिटी के खिलाफ शिकायतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। चेतगंज पुलिस ने 27 मई को कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह और सीनियर मैनेजर प्रदीप कुमार यादव को अरेस्ट कर जेल भेजा है। उधर, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के आदेश पर हरहुआ की रहने वाली सरोज देवी ने कंपनी के सीएमडी और मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ नया केस रजिस्टर्ड करवाया है।


सरोज देवी के अनुसार, उनके दिवंगत पति राजेन्द्र प्रसाद ने 24 जून 2016 को निलगिरी इन्फ्रासिटी द्वारा बाबतपुर के पास विकसित की जा रही हाउसिंग सोसाइटी में प्लॉट संख्या 172 (ब्लॉक-1) खरीदने के लिए अनुबंध किया था। अनुबंध के अनुसार, ₹1050 प्रति वर्गफीट की दर से कुल ₹20.79 लाख का प्लॉट था, जिसके लिए उन्होंने तीन चेक के माध्यम से ₹10.39 लाख की राशि कम्पनी को अदा की थी।


प्रार्थिनी ने बताया कि कंपनी की ओर से वायदा किया गया था कि जल्द ही रजिस्ट्री कर दी जाएगी और प्लॉट पर बाउंड्रीवाल व अन्य बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद न तो प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गई और न ही उनकी धनराशि वापस की गई।

साल 2020 में पति के निधन के बाद जब सरोज देवी ने अपने बेटे वीरेंद्र मौर्य के माध्यम से पुनः शिकायत की, तब थाना चेतगंज द्वारा जांच की गई और कम्पनी के निदेशक विकास सिंह और मैनेजर प्रदीप सिंह द्वारा आश्वासन दिया गया कि पैसा या प्लॉट जरूर मिलेगा। इस दौरान प्रदीप एक महिला से बात करवाता रहा, जो अपना नाम अंशु सिंह कंपनी के सीएमडी विकास की भाभी बताती थी वह लगातार आश्वासन देती रही, लेकिन वह भी झूठा निकला। सरोज देवी का आरोप है कि अब न तो कॉल का जवाब दिया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के आदेश पर चेतगंज पुलिस ने विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप सिंह व अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाया है। वहीं, इसी थाने में 100 से ऊपर केस इन फ्रॉड कंपनी के मालिक दंपति सहित कर्मचारियों पर दर्ज है।

