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कबीर मठ के महंत व शिष्य के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दर्ज हुई FIR, जानें क्या है पूरा मामला

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वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के प्रसिद्ध कबीरचौरा मठ मूलगादी के महंत विवेक दास और उनके शिष्य प्रमोद दास पर धोखाधड़ी और जालसाजी समेत कई गंभीर आरोपों में शिवपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। यह मामला अदालत के हस्तक्षेप के बाद जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं थाना अंतर्गत भदिखन गांव निवासी संतोष कुमार मिश्रा की शिकायत पर दर्ज हुआ।

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विश्वास में लेकर जमीन का सौदा और फिर फंसाया

संतोष मिश्रा ने पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से समाज सेवा से जुड़े हुए हैं और कबीर संप्रदाय के श्री सद्गुरु कबीर मंदिर से भी उनका पुराना जुड़ाव है। इसी दौरान प्रमोद दास से उनका संपर्क हुआ और समय के साथ उन पर गहरा विश्वास भी बन गया। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए प्रमोद दास ने खुद को कादीपुर इलाके की करीब 1.9750 हेक्टेयर जमीन पर बने 10 कमरों और दुकानों का मालिक बताया।

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प्रमोद दास ने मिश्रा को यह संपत्ति तीन साल के लिए पट्टे पर देने की बात कही और उसके लिए कागजात भी दिखाए, जिसमें खतौनी और पावर ऑफ अटॉर्नी शामिल थे। इन दस्तावेजों को देखकर मिश्रा ने भरोसा कर लिया और धीरे-धीरे 10 लाख रुपये की अग्रिम धनराशि प्रमोद को दे दी। लीज अनुबंध के समय भी प्रमोद दास ने 50 हजार रुपये और ले लिए।

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अन्य किरायेदारों के दस्तावेज देख खुला राज

मरम्मत के दौरान जब मिश्रा वहां निर्माण कार्य करवा रहे थे, तभी विकास अग्रवाल और प्रदीप सोनकर नाम के दो लोग पहुंचे और कागजात दिखाते हुए बताया कि विवेक दास ने उसी संपत्ति पर उन्हें भी किरायेदारी अनुबंध दे रखा है। इससे संतोष मिश्रा को ठगे जाने का अहसास हुआ।

जब उन्होंने प्रमोद दास से जवाब मांगा और अपने पैसे लौटाने की मांग की, तो प्रमोद ने कथित तौर पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। मामले की शिकायत पहले पुलिस से की गई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मिश्रा ने कोर्ट का रुख किया।

पुलिस ने शुरू की जांच

शिवपुर थानाध्यक्ष के अनुसार, कोर्ट के आदेश के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की हर पहलू से पड़ताल कर रही है।

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