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BHU ट्रामा सेंटर में गुंडाराज और भ्रष्टाचार के आरोप, डॉ. सौरभ सिंह पर कार्रवाई की मांग तेज

बाउंसरों से डॉक्टरों और मरीजों को धमकाने, छात्रों पर मुकदमे दर्ज कराने और मेडिकल घोटाले के आरोपों के खिलाफ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सड़क पर उतरे

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BHU ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के आरोप, डॉ. सौरभ सिंह की बर्खास्तगी और CBI जांच की मांग को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन

वाराणसी,भदैनी मिरर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार और माफियाओं के संरक्षण देने का आरोप लगाकर स्थानीय अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला कलेट्रेट पर "ट्रामा सेंटर बचाओ मार्च" निकाला। इस विरोध मार्च का नेतृत्व BHU बचाओ संघर्ष समिति ने किया। आरोप है कि ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह ने ट्रामा सेंटर को कमीशन, दलाली और धमकी का अड्डा बना दिया है।

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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि डॉ. सौरभ सिंह ने अस्पताल में बाउंसरों को नियुक्त कर मरीजों, डॉक्टरों और कर्मचारियों को डराने-धमकाने का माहौल बना दिया है। हाल ही में जब BHU के छात्रों ने मरीजों के साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की, तो उनके खिलाफ लंका थाने में FIR दर्ज कर दी गई, जिससे उनका करियर खतरे में पड़ गया।

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डॉ. सौरभ सिंह पर आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ प्रोफेसरों जैसे प्रो. शशि प्रकाश मिश्र का भी अपमान किया और उनके खिलाफ गुर्गों से एफआईआर करवाने का प्रयास किया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि ICU से गरीबों को सिफारिश के चलते बाहर किया जाता है, और मानवीय संवेदनाओं की घोर उपेक्षा हो रही है।

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BHU बचाओ संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट संजय भारद्वाज ने कहा कि डॉ. सौरभ सिंह की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की शिकायत भारत के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र तक भेजी जाएगी, क्योंकि यह सीधे मानवाधिकार और गरीब मरीजों की संवेदनाओं से जुड़ा है।

प्रदर्शनकारियों ने तख्तियाँ लेकर नारेबाज़ी की:

"सौरभ सिंह को बर्खास्त करो"

"बाउंसर नहीं, ये गुंडे हैं"

"CBI जांच कराओ – ट्रामा सेंटर बचाओ"

प्रदर्शन के अंत में, अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

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