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सात महीने बाद मिला BHU को नया कुलपति, मिली कार्यवाहक से मुक्ति


आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर है अजीत कुमार चतुर्वेदी, पहले भी निभा चुके है कई अहम जिम्मेदारी

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BHU VC
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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) को सात महीने बाद कार्यवाहक से मुक्ति मिल गई है। कार्यकारिणी परिषद (EC) की नियुक्ति के बाद अब नए कुलपति की नियुक्ति भी हो गई है। डिप्टी सेक्रेट्री श्रेया भारद्वाज ने नियुक्ति के संबंध में विश्वविद्यालय को पत्र भेज दिया है।

पत्र में कहा गया है कि भारत की राष्ट्रपति ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर को उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक जो भी पहले हो, विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त की हैं।


 

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बता दें, अजीत कुमार चतुर्वेदी एक भारतीय प्रोफेसर , शिक्षा प्रशासक और आईआईटी रुड़की के पूर्व निदेशक हैं । इससे पहले, वे आईआईटी कानपुर में डीन (आर एंड डी) और पूर्व उप निदेशक रह चुके हैं । उन्होंने वेवफॉर्म शेपिंग और सीक्वेंस डिज़ाइन, एमआईएमओ सिस्टम में व्यापक योगदान दिया है। उन्हें नव स्थापित आईआईटी मंडी के निदेशक (कार्यवाहक) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है और उन्होंने जनवरी 2022 तक इस पद पर कार्य किया है। अजीत कुमार चतुर्वेदी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से पीएचडी वर्ष 1995 में पीएचडी किए है। आईआईटी कानपुर से ही उन्होंने वर्ष 1988 में एमटेक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से पूरी किए है। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से वर्ष 1986 में आईआईटी कानपुर से पूरी किए।


जनवरी से थे कार्यवाहक कुलपति

इस वर्ष जनवरी माह में सुधीर कुमार जैन का कार्यकाल पूरा हो गया था। उन्होंने कार्यभार विश्वविद्यालय के रेक्टर संजय कुमार को सौंप दिया था। रेक्टर के पास ही विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार था। जनवरी से लेकर अब तक एडमिशन से लेकर कई मामलों में छात्रों में असंतोष था, वह लगातार स्थाई कुलपति के नियुक्ति की मांग कर रहे थे।

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