
स्पॉ सेंटर पर कार्रवाई: तू डाल- डाल, मैं पात-पात...आइए सभी सर्विस मिल जाएगी
ऐसी भी थी पुलिस की सख्ती जब 22 महीने नहीं खुले थे स्पॉ सेंटर

Aug 6, 2025, 10:46 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। एसओजी-2 के गठन के बाद पहली सफलता मिली है। पिछले दिनों चितईपुर थाना क्षेत्र के सुंदरपुर में एक साथ दो स्पॉ सेंटरों पर छापेमारी से हड़कंप मचा है। पुलिस दोनों स्पॉ सेंटर के तीन संदिग्ध बैंक अकाउंट को खंगाल रही है। सटीक जानकारी इकट्ठा करने के बाद अनैतिक कार्य से अर्जित संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। पुलिस का मानना है कि स्पॉ सेंटर के स्टाफ सही जानकारी नहीं देते, इसलिए पुलिस सर्विलांस की भी मदद ले रही है। 

उधर, अनैतिक कार्य करने वालों में भय नहीं है। स्पॉ सेंटर संचालक सप्ताह भर बाद फिर से यह धंधा शुरु कर काशी की अस्मिता से खिलवाड़ करेंगे। यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे, बल्कि पिछले दिनों भी वरुणा जोन में शिवपुर के भोजूबीर और कैंट क्षेत्र में स्पॉ के आड़ में जिस्मफरोशी के धंधे का खुलासा हो चुका है। कुछ दिन बाद फिर से जिले के कई क्षेत्रों में बिना रोक-टोक यह धंधा चल रहा है।


स्थानीय पुलिस और एलआईयू को भनक नहीं?
कैंट क्षेत्र में स्पॉ के आड़ में जिस्मफरोशी के अड्डे पर हुई छापेमारी को छोड़ दें, तो अन्य स्थानों के स्पॉ सेंटरों की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं थी! न ही एलआईयू को भनक? पुलिस को छोड़ जनता को यह सूचना है कि चितईपुर, भेलूपुर, सिगरा, मंडुवाडीह, रोहनिया, लालपुर-पांडेयपुर, शिवपुर, चेतगंज जैसे क्षेत्रों में यह व्यापार बिना रोक-टोक के चल रहा है। बीएचयू के आसपास के होटल और गेस्ट हाउस में भी जिस्मफरोशी का धंधा फल फूल रहा है।


"...आइए सभी सर्विस मिल जाएगी"
समय के साथ स्पॉ सेंटर के संचालकों ने खुद को हाईटेक कर लिया। स्पॉ सेंटर को सुरक्षित करने के लिए सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया है। ग्राहकों को सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से संपर्क कर बुलाया जाता हैं। स्पॉ सेंटरों से फोन करने वाले कभी खुलकर कुछ नहीं बताते, वह ग्राहकों को स्पा सेंटर बुलाते है और फिर केबिन में सौदा तय करते है। सौदा तय होते ही संचालक का पैसा काउंटर पर जमा करवाने के बाद केबिन में तय सर्विस के मुताबिक गंदा धंधा शुरु होता है।

सेंटर से दूरी बनाए रखता है संचालक
पुलिस के पिछले कई छापों में स्पॉ या देह व्यापार का संचालक मौके से अरेस्ट नहीं हो पाया। सूत्र बताते है कि स्पॉ सेंटर के संचालक कही दूर बैठकर अपने मोबाइल में कैमरों से नजर बनाए रखते है। उनके पास दिनभर के आमदनी का ब्यौरा होता है, साथ ही दूर बैठकर ही सेंटर को सुरक्षा भी प्रदान करते है। वह अपने स्टॉफ के संपर्क में होते है, पुलिस की हलचल बढ़ते ही वह स्टॉफ को अलर्ट कर देते है। सूचना यह भी है कि पकड़े जाने पर वह अपने मैनेजर या अन्य स्टाफ को लालच देकर संचालक बता देते है।
22 महीने नहीं खुल पाया था स्पॉ सेंटर
कमिश्नरेट वाराणसी के पहले पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के 22 माह के कार्यकाल के दौरान धार्मिक नगरी काशी को कलंकित कर रहे स्पॉ सेंटर पर कड़ा प्रहार हुआ था। शहर के करीब 150 स्पॉ सेंटर खुल नहीं पाए।
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने स्पॉ सेंटर खुलने पर स्थानीय थानेदारों की जिम्मेदारी तय कर दी। सूत्र बताते है कि निर्देश के बाद भी कुछ थाना क्षेत्रों में स्पॉ सेंटर खुले रहे। सीपी को गुप्त सूचना मिलते ही वह खुद खुले स्पॉ सेंटर की फोटो थानेदारों को व्हाट्सअप कर दिए। जिसके बाद स्पॉ सेंटर न खुलना थानेदारों की प्राथमिका में था।
मकान मालिकों की भी तय होनी थी जिम्मेदारी
सूत्र बताते है कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश की तैयारी थी कि यदि किसी अपार्टमेंट या बिल्डिंग में स्पॉ सेंटर या होटल में देह व्यापार चलने की सूचना मिलती है तो मकान मालिक की भी जिम्मेदारी तय करने की तैयारी थी। 22 माह के कार्यकाल के दौरान सख्ती का नतीजा था कि स्पॉ सेंटर संचालक वाराणसी छोड़कर सीमावर्ती जिलों में भाग गए थे। जैसे ही ए. सतीश गणेश का तबादला हुआ स्पॉ सेंटर संचालकों के पर निकल आए और फिर वाराणसी भर में देह व्यापार का जाल फैला लिया है।
दें सूचना, गुप्त रहेगी पहचान
कमिश्नरेट में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री, जुआ-सट्टा और देह व्यापार की बढ़ती सूचनाओं को लेकर ही पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने डीसीपी क्राइम सरवणन टी के नेतृत्व में एसओजी 2.0 का गठन किया गया है। यह टीम गिरोहबंद अपराधों पर निगरानी और कार्रवाई करेगी। पुलिस कमिश्नर ने अपील किया है कि जुआ, सट्टा, देह व्यापार, अवैध हुक्काबार, मादक द्रव्यों की बिक्री के बारे में कोई जानकारी प्राप्त होती है, तो वह तत्काल डीसीपी क्राइम सरवणन टी. के सीयूजी नं0 9454401124 पर सूचना दे सकते है। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

