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ABVP-BHU ने पीएचडी प्रवेश में देरी पर जताई नाराजगी, UGC सचिव को लिखा पत्र, रखी ये पांच मांगें

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Varanasi : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में सत्र 2024-25 की शोध प्रवेश प्रक्रिया में सामने आई अनियमितताओं और कथित भ्रष्टाचार की जांच में हो रही देरी को लेकर ABVP-BHU इकाई ने कड़ी आपत्ति जताई है। परिषद का कहना है कि जांच प्रक्रिया में हो रही लापरवाही न केवल छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि विश्वविद्यालय की शोध प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी पर भी सवाल उठा रही है।

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यूजीसी ने 28 अप्रैल को दी थी जांच की सिफारिश

ABVP के मुताबिक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 28 अप्रैल 2025 को पत्र संख्या 54-9/2021 के माध्यम से BHU की पूरी शोध प्रवेश प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकने और जांच समिति गठित करने की सिफारिश की थी। लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद न तो समिति का गठन सार्वजनिक किया गया है, और न ही इसकी कार्यवाही प्रारंभ हुई है।

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अभाविप ने भेजा UGC सचिव को पत्र

ABVP काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने बताया कि परिषद शुरू से ही विश्वविद्यालयों में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम प्रक्रिया में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध रही है। BHU में हुई शोध प्रवेश अनियमितताओं को लेकर परिषद लगातार आवाज उठा रही है। जांच प्रक्रिया में हो रही देरी को देखते हुए परिषद ने UGC सचिव को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई और प्रवेश प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कराने की मांग की है।

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देरी से साक्ष्य से छेड़छाड़ की आशंका

ABVP-BHU इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि जांच में हो रही देरी से यह संदेह गहराता जा रहा है कि कुछ विभागीय अधिकारी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। यदि UGC ने समय रहते जांच समिति को सक्रिय नहीं किया तो परिषद छात्रों के हित में उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।

ABVP-BHU की प्रमुख मांगें:

  1. शोध प्रवेश प्रक्रिया की जांच तय समय सीमा में पूरी की जाए, समिति को सार्वजनिक कर BHU बुलाया जाए।

  2. जिन विभागों में गड़बड़ी हुई है, वहां की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कार्रवाई हो।

  3. अभ्यर्थियों को सीधे समिति के सामने अपने पक्ष और सबूत रखने का मौका दिया जाए।

  4. जब तक जांच पूरी न हो, तब तक शोध प्रवेश से जुड़े किसी भी निर्णय या आदेश को स्थगित रखा जाए।

  5. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई कर शोध प्रवेश प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास बहाल किया जाए।

ABVP ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय और यूजीसी ने समय रहते जांच प्रक्रिया में गति नहीं लाई, तो वह छात्र हितों की रक्षा के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेगी।

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