फुले दंपति पर बनी फिल्म पर सेंसर बोर्ड की रोक के खिलाफ आप का प्रदर्शन, राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा
सेंसर बोर्ड की रोक को बताया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला




आम आदमी पार्टी ने फिल्म पर रोक को लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताया
रिपोर्ट- वीरेंद्र पटेल
वाराणसी, भदैनी मिरर। महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म पर सेंसर बोर्ड द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ आम आदमी पार्टी वाराणसी इकाई ने रविवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से भेजा।

प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए ई. रमाशंकर सिंह पटेल (जिला अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी वाराणसी) ने कहा कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने सदियों से चली आ रही सामाजिक असमानता, जातिवाद और महिलाओं की शिक्षा में आ रही रुकावटों के खिलाफ साहसिक लड़ाई लड़ी। उनके जीवन पर आधारित फिल्म पर रोक लगाना न सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि यह उन विचारों को दबाने की कोशिश है, जो समाज को जागरूक बनाने में सहायक हैं।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रो. अखिलेश पांडेय (जिला महासचिव) ने कहा कि यह फिल्म एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ की तरह है, जिसे आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है। सेंसर बोर्ड द्वारा लगाई गई रोक पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और हम माननीय राष्ट्रपति महोदया से अपील करते हैं कि इस रोक को तुरंत हटाने के लिए निर्देश जारी करें।

ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगे:
1. सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म पर लगाई गई रोक को तत्काल हटाया जाए।
2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं इतिहास के सही चित्रण की गारंटी दी जाए।
3. सरकार ऐसे महापुरुषों के विचारों को प्रचारित करने में सहयोग करे।
धरने में बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक सुर में इस सेंसरशिप को असंवैधानिक और समाज सुधारकों की विरासत को दबाने वाला कदम बताया।

