Movie prime
Ad

BHU ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को लेकर PM मोदी के संसदीय कार्यालय में सौंपा ज्ञापन 

विश्वविद्यालय के छात्रों ने लगाया गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप 

Ad

 
News photo
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह को हटाने की मांग

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रॉमा सेंटर की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पर सौंपे गए ज्ञापन में ट्रॉमा सेंटर में फैले कथित भ्रष्टाचार, प्रशासनिक तानाशाही, चिकित्सकीय लापरवाही और बाउंसरों के दुर्व्यवहार का उल्लेख किया गया है।

Ad

ज्ञापन के अनुसार, BHU ट्रॉमा सेंटर, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे समीपवर्ती राज्यों के लिए जीवनदायिनी सेवा के रूप में कार्य करता है, वर्तमान में घोर अव्यवस्था का शिकार है। कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवा देने वाले इस ट्रॉमा सेंटर को भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मनमानी से मुक्त कराना आवश्यक बताया गया है।

Ad
Ad

चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना:

26 मई 2025 को ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत दो चिकित्सा शिक्षकों के साथ बाउंसरों ने कथित रूप से दुर्व्यवहार और मारपीट की। इस घटना के बाद मरीजों को सर्जरी संबंधी सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिससे कई मरीज प्राइवेट क्लीनिक की ओर पलायन कर रहे हैं।

Ad

मरीजों व परिजनों से दुर्व्यवहार:

ज्ञापन में बताया गया है कि ट्रॉमा सेंटर में आने वाले आम नागरिकों और मरीजों के परिजनों के साथ भी सुरक्षा के नाम पर लगाए गए बाउंसर अभद्र व्यवहार करते हैं, जिससे जनता में भारी रोष है।

100 करोड़ की खरीद में घोटाले का आरोप:

BHU ट्रॉमा सेंटर ने पिछले वर्ष 100 करोड़ रुपए से अधिक की सामग्री की खरीद GEM पोर्टल के माध्यम से की थी। ज्ञापन में बताया गया कि जिन 11 फर्मों से खरीद हुई, वे आपस में रिश्तेदारों की थीं। एक ही फर्म ने साबुन और हाई डेफिनेशन एक्स-रे मशीन तक सप्लाई की, जो संदेहास्पद है। बाजार मूल्य से कई गुना कीमत पर गैर-ब्रांडेड सामग्री की खरीद की गई।

जांच रिपोर्ट दबाने का आरोप:

शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जांच की गई लेकिन पिछले एक वर्ष से रिपोर्ट को दबाकर रखा गया है, और किसी भी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है।

ट्रॉमा सेंटर प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग:

ज्ञापन में ट्रॉमा प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह को तत्काल पदमुक्त करने और जब तक जांच पूरी न हो, प्रशासनिक कार्य से दूर रखने की मांग की गई है।

2018 की गवर्निंग बॉडी की बहाली की मांग:

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2018 में BHU की कार्यकारी परिषद ने ट्रॉमा सेंटर के संचालन हेतु एक गवर्निंग बॉडी गठित की थी। लेकिन बाद में प्रभारी ने कुलपति से मिलकर अवैधानिक आदेश प्राप्त कर एकाधिकार स्थापित कर लिया। मांग है कि पुराने वैध आदेश को बहाल किया जाए।

life line hospital

Ad

Ad