
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों से ‘जबरन वसूली', धोखाधड़ी में 21 ‘दर्शन दलाल' गिरफ्तार
डीजीपी के रिश्तेदारों को लगा दिया था चूना, हाईकमान से आया फोन तो हुई कार्रवाई




पुलिस अधिकारी ने किया खुलासा, फिर चर्चा में आया मंदिर के अंदर-बाहर का खेल
वाराणसी, भदैनी मिरर। दुनिया भर में प्रसिद्ध कमांडो समेत चार लेयर की सुरक्षा व्यवस्था से लैस श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं व पर्यटकों से ‘जबरन वसूली‘ और धोखाधड़ी के मामले का खुलासा हुआ। एसीपी दशाश्वमेध ने मंगलवार को एक साथ 21 अवांछनीय लोगों ‘दर्शन दलाल‘ को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह सभी बाबा विश्वनाथ के सुगम दर्शन व सुविधाओं के दृष्टिगत गलत कार्य करते थे। पर्यटकों, श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार, मोटी रकम की वसूली करने जैसे कई आरोप हैं। लेकिन पुलिस ने यह नही बताया कि यदि यह मोटी रकम लेकर दर्शनार्थियों को सुगम दर्शन कराते थे तो मंदिर के कौन लोग थे जो उनकी इस काम में मदद करते थे।


सूत्रों से पता तो यह चला कि पुलिस को यह कार्रवाई इसलिए करनी पड़ी कि प्रदेश के डीजीपी के कुछ रिश्तेदार इनके चंगुल में फंस गये थे। दर्शन में दलाली करनेवाले इस गिरोह के कुछ युवकों ने उनसे 4500 रूपये वसूल लिये थे। रिश्तेदारों ने डीजीपी से शिकायत की और वहां से यहां के अधिकारियों को फोन आया तो आनन-फानन में ‘21 दर्शन के दलाल‘ पकड़ लाये गये। आसपास के लोग तो यहां तक बताते हैं ऐसे लोगों की संख्या सौ से अधिक है। यह तो नमूना मात्र है। दर्शन में अंदर-बाहर के खेल का खुलासा होना चाहिए।


आईए चलते हैं एसीपी दशाश्वमेध के खुलासे की ओर। उन्होंने मीडिया को बताया कि दशाश्वमेध और चौक थानों की पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना पर इनकी गिरफ्तारियां की। इनमें चौक थाना क्षेत्र के बड़ी पियरी का निखिल पांडेय, हौजकटोरा बांसफाटक के प्रतीक सिंह, आदमपुर थाना क्षेत्र के बलुआवीर के मोनू सिंह, मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के लहरतारा निवासी गुरू प्रसाद जायसवाल, छोटू पाण्डेय, भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड कबीर नगर के विशाल पांडेय,ईशान मिश्रा, विनायक मिश्रा, छोटी पियरी के संकठा प्रसाद पांडेय, बड़ी पियरी के लकी पांडेय हैं।

इसके अलावा राजू पांडेय, लक्सा थाना क्षेत्र के रानी भवानी रामापुरा के रंधावा विश्वकर्मा, मिर्जापुर जिले के छोटा मिर्जापुर स्थित रसूलांगंज के अमीर, चौकाघाट पानी टंकी के पास के संजय पांडेय, आदमपुर थाना क्षेत्र के त्रिलोचन मोहल्ले के मनीष पांडेय, भेलूपुर थाना क्षेत्र के सोनारपुरा बड़ा गंभीर सिंह मोहल्ले के सचिन जायसवाल, रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद पड़ाव के गोलू साहनी, सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज निवासी अजय कुमार, दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के जंगमबाड़ी के बृजेश कुमार, दशाश्वमेध के पवन साहनी, चंदौली जिले के मुगलसराय थाना क्षेत्र के भोजपुर पड़ाव के अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इन्हें गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में दशाश्वमेध थाना प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार शुक्ला, चौक थाना प्रभारी निरीक्षक विमल कुमार मिश्रा, एसआई अजितेश कुमार चौधरी, विजय कुमार चौधरी, विजय कुमार सिंह, योगेन्द्र प्रताप सिंह, कांस्टेबल भूपेन्द्र कुमार, देवेन्द्र यादव रहे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। खुद पुलिसकर्मियों और मंदिर के कर्मचारियों पर यह आरोप लगते रहे। बेनियाबाग तिराहा, गिरजाघर चौराहा, लक्सा से रामापुरा रोड, रामापुरा चौराहे से सोनारपुरा और दशाश्वमेध घाट रोड, गोदालियां से चौक रोड पर खुलेआम दर्जनों ऐसे लोग सुगम दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों के इर्द-गिर्द मंडराते मिल जाएंगे। यह आज नया नही हो रहा है। इन मार्गों से गुजरनेवाले हर व्यक्ति को यह दिखता रहा और दिख रहा है। मंदिर के आसपास के लोगों का कहना है कि प्रशासन ने दर्शनाथियों को दर्शन दलालों और दुकानदारों की लूट से बचाने के लिए चौक थाने में मीटिंग की थी। बाकायदा रेट निर्धारित हुए थे। इन्हीं पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि अब दर्शनार्थियों से लूट खसोट नही होगी। लेकिन कुछ दिन बाद भी पुलिस का यह प्लान ध्वस्त हो गया। ‘दर्शन दलाली‘ और दुकानदारों की लूट का खुला खेल जारी है। यदि एक दर्शनार्थी लाकर में अपना मोबाइल रखने गया तो 250 से 500 रूपये का चूना लगना तय है। पहले ऐसे निःशुल्क लाकर की व्यवस्था मंदिर परिसर में की गई थी। लेकिन क्या कारण है कि फिर यह व्यवस्था दुकानदारों के हवाले कैसे हो गई। चर्चा है कि इसमें पुलिसवालों की भी मिलीभगत है। पुलिस के इस खुलासे के साथ एक बार फिर अंदर-बाहर की गड़बड़ियों की जांच की जरूरत है।

