
यूपी में पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, देना होगा सिर्फ इतना शुल्क


उत्तर प्रदेश में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मंजूरी दी कि अब संपत्ति बंटवाने के दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क की अधिकतम सीमा केवल 5 हजार रुपये होगी।
पहले की स्थिति
पहले संपत्ति के बंटवारे पर संपत्ति मूल्य के आधार पर 4% स्टाम्प शुल्क और 1% पंजीकरण शुल्क लगता था। इससे परिवार दस्तावेज पंजीकृत कराने में हिचकिचाते थे और परिणामस्वरूप दीवानी और राजस्व अदालतों में मामले बढ़ जाते थे।



इस फैसले से क्या फायदे होंगे
सरकार का कहना है कि नए नियम से:
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मुकदमेबाजी कम होगी
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पारिवारिक विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान होगा
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भूमि और राजस्व रिकॉर्ड अपडेटेड होंगे
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संपत्तियां बाजार में आसानी से उपलब्ध होंगी
राजस्व पर असर
सरकार ने माना कि शुरू में इस बदलाव से स्टाम्प शुल्क में 5.58 करोड़ और पंजीकरण शुल्क में 80.67 लाख रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। लेकिन उम्मीद है कि पंजीकरण की बढ़ती संख्या धीरे-धीरे इस नुकसान की भरपाई करेगी और भविष्य में राजस्व में वृद्धि होगी।

बयान में कहा गया कि तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पहले से ही इस तरह की व्यवस्था लागू है। अब यूपी में भी लागू होने से लोगों को संपत्ति बंटवारे में कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

