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डिजिटल अरेस्ट गैंग के चंगुल में फंसी महिला को बैंक और पुलिस अधिकारियों ने बचाया

मनी लांड्रिंग केस में फसाने धमकी से सहमी महिला डेढ़ करोड़ की एफडी तोड़वाने पहुंची थी बैंक

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अचानक इतनी बड़ी रकम निकालने की बात सुनकर डिप्टी मैनेजर हुई सावधान, पुलिस अधिकारी को कर दिया फोन

रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी अधिकारी की पत्नी हैं उषा शुक्ला, पति का हो चुका है निधन

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के विकासनगर क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक के अफसरों और पुलिस की सक्रियता से PWD के पूर्व अफसर की पत्नी ऊषा शुक्ला डिजिटल अरेस्ट ठगी गिरोह का शिकार होने से बच गईं। जालसाजों ने उन्हें फोन कर मनी लांड्रिंग के केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। डरी सहमी ऊषा अपने डेढ़ करोड़ की 10 एफडी तोड़वाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक शाखा में पहुंच गईं। उन्होंने बैंक की डिप्टी मैनेजर इंद्राणी से सारे रूपये निकलवाने की बात की। इतनी बड़ी धनराशि निकालने की बात पर डिप्टी मैनेजर ने उषा शुक्ला से सवाल किये। लेकिन डर के मारे वह कुछ बोल नही रही थी। उनके चेहरे पर डर का भाव देख डिप्टी मैनेजर को शक हो गया।

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इसके बाद डिप्टी मैनेजर ने ऊच्चाधिकारियों और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एसीपी गाजीपुर अनिद्य विक्रम सिंह ने थाना प्रभारी विकासनगर तत्काल मौके पर जाकर जांच के आदेश दिये। कुछ ही देर में पुलिस टीम बैंक पहुंच गई। फिर ऊषा शुक्ला को मैनेजर स्वर्ण राठौर के केबिन में बुलाया गया। पूछताछ होने लगी तब भी उषा डरी हुई थीं और साफ-साफ कुछ नही बता रही थीं। पुलिस और बैंक के अधिकारियों ने काउंसिलिंग कर उषा के डर को निकालने का प्रयास किया।

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उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया। कुछ देर के बाद ऊषा ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें मनी लांड्रिंग के केस में फंसाकर डिजिटल अरेस्ट किया है। पुलिस ने उनसे मोबाइल नम्बर लिया और मामले की छानबीन शुरू कर दी। ऊषा ने बताया कि उनके पति PWD में अफसर थे। उनकी मृत्यु हो चुकी है और बेटा शहर के बाहर नौकरी करता है। अब पुलिस डिजिटल अरेस्ट करनेवाले गैग की तलाश में जुट गई है। पुलिस को उनके बारे में काफी जानकारियां मिल चुकी हैं। डिजिलट अरेस्ट करनेवालों को भी पता चल गया कि पुलिस उनके पीछे पड़ गई है। 
 

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