वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर बोले सीएम योगी-“ये गीत राष्ट्रप्रथम की भावना को जगाता है”
लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा — वंदे मातरम् केवल आजादी का गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रमाता के प्रति कर्तव्यों की सामूहिक अभिव्यक्ति है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “वंदे मातरम् केवल आजादी का गीत नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्रमाता के प्रति कर्तव्यों का आह्वान है।” लोकभवन में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर यह स्मृति दिवस पूरे देश में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संदेश लेकर आया है।



सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् गीत स्वतंत्रता संग्राम का अमर मंत्र था। विदेशी हुकूमत के अत्याचारों के बावजूद भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने इस गीत को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था। हर गांव, हर प्रभात फेरी और हर आंदोलन में यह गीत भारत की सामूहिक चेतना का स्वर बना।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि यह गीत संस्कृत और बांग्ला की अभिव्यक्ति से आगे बढ़कर “संपूर्ण भारत की आत्मा” बन गया। उन्होंने कहा कि 1905 में जब अंग्रेजों ने बंग-भंग का दुस्साहस किया, तब वंदे मातरम् ने पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब भी कोई क्रांतिकारी फांसी के तख्ते पर चढ़ा, उसके होंठों पर वंदे मातरम् ही था। यह गीत हर भारतीय के भीतर राष्ट्रप्रेम और त्याग की भावना को जगाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को वंदे मातरम् को भारत के राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता दी थी। यह गीत भारत की सामूहिक चेतना और राष्ट्रीयता का प्रतीक बन चुका है।
सीएम ने कहा कि वंदे मातरम् हमें हमारे कर्तव्यों के प्रति आग्रही बनाता है। “जब एक सैनिक सियाचिन की ठंड में या राजस्थान की गर्मी में देश की रक्षा करता है, जब किसान अन्न उपजाता है या शिक्षक संस्कार देता है, तब वह वास्तव में वंदे मातरम् का गान कर रहा होता है।”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि जब हर नागरिक स्वार्थ से उठकर राष्ट्र के लिए कार्य करता है, तब वह भारत के उत्थान में योगदान देता है। यही वंदे मातरम् का असली अर्थ है - राष्ट्रप्रेम, राष्ट्रधर्म और राष्ट्रप्रथम।
इस मौके पर मुख्य सचिव एस.पी. गोयल, डीजीपी राजीव कृष्ण, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे।


