
डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का अखिलेश-राहुल पर निशाना, कहा- इन्हें ओबीसी नेताओं से परेशानी...




गोंडा। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आज गोंडा के मनकापुर ब्लॉक में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने पार्टी को प्रचंड बहुमत से जिताने की रणनीति पर चर्चा की और कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया।


बैठक के बाद मौर्य ने पूर्व कृषि मंत्री स्व. आनंद सिंह को श्रद्धांजलि दी और केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के साथ उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की।
विपक्ष पर तीखा हमला
डिप्टी सीएम ने इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार निशाना साधा। मौर्य ने अखिलेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, "उन्हें ओबीसी नेताओं से समस्या है। मैं किसान का बेटा हूं और आज इस पद तक पहुंचा हूं। अखिलेश की अहंकार भरी सोच और भाषा उनकी मानसिकता दर्शाती है। 2027 के बाद उन्हें सैफई लौटने की तैयारी करनी चाहिए।"


उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में अपराधियों के हौसले बुलंद थे, लेकिन आज योगी सरकार में गुंडे-माफिया पुलिस से कांपते हैं। "पहले सपा के झंडे वाली गाड़ियां अवैध हथियारों से लैस रहती थीं, लेकिन अब कानून का राज कायम है," उन्होंने जोड़ा।
राहुल गांधी पर सियासी कटाक्ष
राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए केशव मौर्य ने कहा, "सत्ता से दूर रहने का दुख उन्हें बेसिर-पैर की बातें करने पर मजबूर कर रहा है। वे सिर्फ विरासत की राजनीति करते हैं, लेकिन लोकतंत्र में संघर्ष से ही कामयाबी मिलती है। कांग्रेस 2047 तक भी 50 सीटें नहीं जीत पाएगी।"

उन्होंने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में एक रुपये में से 85 पैसे बिचौलियों के पास चले जाते थे। जबकि आज पीएम मोदी की सरकार में किसानों को सीधे सम्मान निधि मिल रही है।
कांवड़ यात्रा और धार्मिक आयोजनों पर भरोसा
कांवड़ यात्रा पर किसी विवाद की संभावना को खारिज करते हुए मौर्य ने कहा कि, "पिछले 8 वर्षों से यह यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न हो रही है और 2047 तक भी ऐसे ही जारी रहेगी। हमारी सरकार हर धार्मिक आयोजन को सम्मान और सुरक्षा के साथ आयोजित कराएगी।"
उन्होंने कुंभ मेले की बढ़ती भीड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि "श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई रोक नहीं लगा सकता, भले ही विपक्ष को यह चिंता क्यों न हो।"

