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UP: जज साहब! मेरी हत्या की साजिश... पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को मीडिया से भी नहीं बात करने दी पुलिस 

 बेटे के इंटरव्यू को प्रभावित करने की साजिश का आरोप, सरकार से सवाल पूछने वाले अमिताभ कोर्ट में दिखे भावुक 

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amitabh thakur
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देवरिया/लखनऊ। सरकार और नौकरशाहों के गलत नीतियों और भ्रष्टाचारों पर खुलकर बोलने और गरीबों की आवाज पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को एक  बार फिर 13 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पूर्व आईपीएस (जबरिया रिटायर) और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को बुधवार तड़के लखनऊ पुलिस ने सीतापुर–महोली बॉर्डर से ट्रेन से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। हिरासत में लेते ही उनका एक्स (पहले ट्विटर) को उनके मोबाइल से हटाया गया। बुधवार दोपहर बाद देवरिया के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 
कोर्ट जाते समय अमिताभ ठाकुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो में वह भावुक होकर कहते दिखाई देते हैं- “जज साहब! मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है… यह गिरफ्तारी मेरे बेटे के इंटरव्यू को प्रभावित करने के लिए की गई है।”
वीडियो में पूर्व आईपीएस बार-बार खुद को निर्दोष बताते दिख रहे हैं।
(हालांकि इस वायरल वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।)

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कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

 कोर्ट में रखा 8 पेज का लिखित बयान

देवरिया पुलिस और SIT टीम पहले उन्हें एक घंटे तक पूछताछ के लिए ले गई। मेडिकल कराए जाने के बाद दोपहर में उन्हें सीजेएम मंजू कुमारी की अदालत में पेश किया गया।
अमिताभ ठाकुर ने अदालत से कहा कि वह अपना मुकदमा खुद लड़ेंगे। उन्होंने कोर्ट से 40 मिनट का समय मांगा और फिर 8 पेज का लिखित स्पष्टीकरण अदालत में जमा किया।

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बयान पढ़ते-पढ़ते वह भावुक हो गए और बोले-“मुझे आधी रात बीच रास्ते से गिरफ्तार किया गया।” “जिस केस में आरोपी बनाया गया, उसमें अपराध है ही नहीं।” “20 साल पुराने विवाद को अब प्रताड़ित करने के लिए खोला गया।”

 पत्नी नूतन ठाकुर ने जताई अनहोनी की आशंका

पेशी से पहले अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि उन्हें देर रात पुलिस ने फोन कर गिरफ्तारी की सूचना दी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अमिताभ की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई और कहा-“26 साल पुराना यह मामला साधारण सिविल विवाद था।”

आखिर क्या है पुराना विवाद?

1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर वर्ष 1998 में देवरिया में एसपी रहे। आरोप है कि 1999 में उन्होंने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट अलॉट कराया।  आवंटन पत्र में नाम में गड़बड़ी कराई। नूतन ठाकुर की जगह नूतन देवी, अमिताभ ठाकुर की जगह अभिजात ठाकुर और वर्ष 2003 में यह प्लॉट शराब कारोबारी संजय सिंह को बेच दिया गया।

2025 में संजय शर्मा ने देवरिया कोतवाली में FIR दर्ज कराई, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश का आरोप लगाया गया। इसी प्रकरण में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूर्व आईपीएस और उनकी पत्नी को आरोपी बनाया है।

सुनवाई अब 23 दिसंबर को

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर की तारीख तय की है। फिलहाल अमिताभ ठाकुर न्यायिक हिरासत में देवरिया जेल में हैं।

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