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यूपी के किसानों को सस्ती दर पर आसानी से मिलेगा लोन, सीएम योगी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' की शुरुआत के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत किसानों को कम ब्याज दर पर सरल ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी।

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लखनऊ,भदैनी मिरर।  उत्तर प्रदेश सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर सरलता से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में इस योजना की रूपरेखा को किसान-हितैषी और दूरदर्शी कदम बताया। उन्होंने नाबार्ड और सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, ऋण वितरण की प्रक्रिया को प्रभावी और समयबद्ध बनाने, शाखाओं का आधुनिकीकरण करने और ऋण की सुगमता पर बल दिया।

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 ऋण वितरण में भारी प्रगति

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण जहां ₹9,190 करोड़ था, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा ₹23,061 करोड़ तक पहुंच गया। इसी अवधि में शुद्ध लाभ ₹100.24 करोड़ हो गया है। जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय भी ₹28,349 करोड़ से बढ़कर ₹41,234 करोड़ हो गया है।
पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में ₹11,516 करोड़ का फसली ऋण और ₹393 करोड़ का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया। साथ ही, 34.45 लाख मीट्रिक टन उर्वरक, 25.53 लाख मीट्रिक टन धान और 1.94 लाख मीट्रिक टन दलहन-तिलहन की खरीद की गई।

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भंडारण क्षमता में बड़ा विस्तार

भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एआईएफ योजना के तहत 375 गोदामों का निर्माण कर 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित की गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 1,060 गोदामों के माध्यम से 1,17,350 मीट्रिक टन क्षमता सृजित की गई है। 2025-26 में 100 नए गोदामों के निर्माण का लक्ष्य है।
देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अंतर्गत 16 जिलों में 24 बी-पैक्स केंद्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने भंडारण क्षमता और बढ़ाने तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए नीति तैयार करने के निर्देश दिए।

भर्ती, कंप्यूटरीकरण और साइबर सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में रिक्त पदों की भर्ती के लिए आईबीपीएस के माध्यम से चयन प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए। एम-पैक्स समितियों को पीडीएस, जन औषधि, सीएससी, पीएम किसान सम्मान केंद्र और एमएसपी जैसी गतिविधियों से जोड़ा गया है। कंप्यूटरीकरण के तीन चरणों में कुल 5,686 एम-पैक्स समितियों को डिजिटल किया जा रहा है। साथ ही, 50 जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड के सीबीएस क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है।

यह योजना उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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