
यूपी कैबिनेट बैठक: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना के शौर्य को सलाम, राज्य में 5 सीड पार्कों की स्थापना को मंजूरी
बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम, रोजगार और किसानों को मिलेगा लाभ




लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। बैठक में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रदर्शित अद्वितीय शौर्य की सराहना करते हुए राज्य की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


कैबिनेट बैठक में प्रदेश को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 5 आधुनिक सीड पार्कों की स्थापना के महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। ये सीड पार्क पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर स्थापित किए जाएंगे और इन्हें प्रदेश के 5 कृषि जलवायु क्षेत्रों — पश्चिमी, तराई, मध्य, बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल — में चरणबद्ध रूप से विकसित किया जाएगा।


लखनऊ के अटारी में पहले सीड पार्क की शुरुआत, 266.70 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय से की जाएगी। इसमें बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग, भंडारण, स्पीड ब्रीडिंग और हाईब्रिड लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इन सीड पार्कों में निवेश करने वाले बीज व्यवसायियों को भूमि 30 वर्षों की लीज पर दी जाएगी, जिसे 90 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक सीड पार्क से लगभग 1200 प्रत्यक्ष और 3000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, और पूरे प्रदेश में कुल 6000 प्रत्यक्ष व 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। साथ ही लगभग 40,000 बीज उत्पादक किसान इन पार्कों से सीधे जुड़ेंगे।

बीज के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
उत्तर प्रदेश वर्तमान में बीज की बड़ी मात्रा के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है। कृषि मंत्री ने बताया कि 139.43 लाख क्विंटल बीज की सालाना जरूरत होती है, जबकि राज्य इसका पूरा उत्पादन नहीं कर पाता। सीड पार्कों की स्थापना से यह निर्भरता समाप्त होगी, बीज प्रतिस्थापन दर (SRR) में वृद्धि होगी और किसानों की उत्पादकता एवं आय में वृद्धि होगी।
71 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में बनेंगे पंचायत उत्सव भवन
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक आयोजनों के लिए पंचायत उत्सव भवन के निर्माण को भी स्वीकृति दी गई। प्रथम चरण में 100 करोड़ रुपए की लागत से 71 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में यह भवन बनाए जाएंगे। प्रत्येक भवन पर 1.41 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 60% राशि दानदाता और 40% राज्य सरकार वहन करेगी। यह निर्माण उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना के तहत किया जाएगा।

