बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड : माफिया अतीक के बहनोई अखलाक, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत खारिज
24 फरवरी 23 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के आखिरी गवाह उमेश पाल की हुई थी हत्या, गनर की हो गई थी मौत

उमेश पाल की पत्नी जया ने अतीक के भाई अशरफ, दोनों बेटों व पत्नी शाइस्ता परवीन पर लगाया था हत्या का आरोप
अतीक की इनामी बीबी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीबी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत 7 आरोपित हैं फरार
प्रयागराज। बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के बहनोई डा. अखलाक, वकील विजय मिश्रा, ड्राइवर और नौकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सभी ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और कहा था कि उनका इस हत्याकांड से कोई वास्ता नहीं है और उन्हें बिना वजह फंसाया गया है।




आरोपितों की ओर से दाखिल अपराधिक अपील पर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ सुनवाई कर रही है। मेरठ निवासी अतीक के बहनोई डॉ अखलाक अहमद पर हत्याकांड के बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का और बाकी आरोपितों पर हत्या की साजिश का आरोप है। हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद इसने डॉ. अखलाख के मेरठ स्थित घर पर शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार अखलाक ने जमानत पर रिहाई के लिए सितम्बर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ. अखलाक के अधिवक्ता के दलील दिया कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है और पेशे से डॉक्टर है।अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे सिर्फ अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है।

उधर, अतीक के वकील विजय पर उमेश पाल हत्याकांड में मुखबिरी का आरोप है। विजय की गिरफ्तारी लखनऊ से हुई थी। जमानत पर रिहाई की मांग करते हुए उनकी अधिवक्ता मंजू सिंह ने दलील कि उन्हें अतीक के वकील होने के कारण फंसाया जा रहा हैं। इसी तरह कैश व नियाज की ओर से भी बेगुनाह होने की दलीलें दी गई। अधिवक्ता ने दलील दी कि कैश ड्राइवर था और वह काफी समय पहले से नौकरी छोड़ चुका था। उसका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। नियाज़ के वकील ने भी उसे बेकसूर बताया और कहा कि उसका घटना से कोई सरोकार नहीं है। उसके पास से कोई बरामदगी नहीं है, न ही वह एफआईआर में नामजद है। लंबी बहस में दौरान उमेश पाल की पत्नी जया पाल के अधिवक्ता प्रवीण पांडेय, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सभी आरोपित हत्याकांड में सक्रिय रूप से शामिल रहे है। अभी तक ट्रायल कोर्ट में आरोप निर्मित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मौजूदा समय में अतीक की इनामी बीबी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीबी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत कुल सात अन्य आरोपी फरार है। ऐसे में उनकी रिहाई से लंबित ट्रायल प्रभावित होगा।

आपको बता दें कि प्रयागराज के धूमनगंज में 24 फरवरी 2023 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के आखिरी गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनके गनर की भी मौत हो गई थी। घटना के बाद उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक के भाई अशरफ दोनों बेटों व पत्नी शाइस्ता परवीन पर हत्या के आरोप लगाया था। उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित माफिया अतीक के भाई अशरफ की बीबी जैनब फातिमा की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। 25 हजार की इनामी फरार जैनब ने हत्याकांड में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी है।


