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बोरे में बंद लाश की गुत्थी सुलझी, तीन सालों ने ही मिलकर बहनोई को उतारा था मौत के घाट

कौशांबी के सरायअकिल क्षेत्र के सूखे नहर में सोमवार की सुबह मिली सुरेंद्र की लाश

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पत्नी के चरित्र पर सुरेंद्र को था संदेह, करता था पत्नी और बच्चों की पिटाई

मृतक के पिता ने बेटे के साले के खिलाफ दर्ज कराई थी नामजद रिपोर्ट

कौशांबी। कौशांबी के सरायअकिल क्षेत्र में सुरेंद्र हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया। सुरेंद्र की हत्या उसके ही दो सगे सालों ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने आरोपितों गुड्डू, गोलू व महेश की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डंडा व मृतक का मोबाइल बरामद किया है। घटना के पीछे संदेह और उधारी के विवाद बताया गया है। एसपी राजेश कुमार ने घटना का खुलासा करनेवाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये पुरस्कार से सम्मानित किया। पुलिस ने हत्यारोपितों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। 

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जानकारी के अनुसार सरायअकिल क्षेत्र के मवई गांव के सूखी नहर के किनारे रविवार सुबह बोरे में बंद खून से लथपथ युवक का शव मिला था। कातिलों ने उसका सिर कूंचकर मार डाला था। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के कपड़ों की तलाशी ली तो आधार कार्ड और उसका मोबाइल फोन मिला। इससे उसकी पहचान ककरहाई निवासी धर्मपाल के सुरेंद्रके रूप में हुई। सूचना पर धर्मपाल भी घटनास्थल पर पहुंचे। उसने पुलिस को बताया कि सुरेंद्र शुक्रवार रात करीब दो बजे भाई से विवाद के बाद घर से बाइक लेकर निकला था। घर से निकलने से पहले उसने फोन से किसी से बात की थी। इस मामले में धर्मपाल की तहरीर पर पुलिस ने मृतक के साले गुड्डू और अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम किया था।

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एसपी राजेश कुमार ने बताया कि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर गुड्डू की तलाश की जा रही थी। गुड्डू वारदात के बाद भागने की फिराक में था। पुलिस टीम ने मंगलवार की सुबह घेराबंदी कर उसे किलनहाई नदी के पुल से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में गुड्डू ने बताया कि बहनोई सुरेंद्र उसकी बहन यानी मृतक की पत्नी के चरित्र पर शक करता था। इसके अलावा उसकी बहन और भांजे-भांजी को अक्सर पीटता था। कुछ दिन पहले भी सुरेंद्र ने उसकी बहन के गले में गड़ासा रखकर हत्या का प्रयास किया था। बच्चों को जमीन पर पटक दिया था। इसके अलावा वह बहन की अश्लील तस्वीरें भी सोशल मीडिया के जरिए रिश्तेदारों के बीच प्रसारित करता था। उसने बताया कि सुरेंद्र से उसने अपनी एक अन्य बहन की शादी के लिए करीब डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे। वह अपने डेढ़ लाख रूपये के लिए दबाव बना रहा था।

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इसी दौरान 13 दिसंबर की रात सुरेंद्र गुड्डू के गांव कौशांबी थाना क्षेत्र के मढ़ी पहुंचा। इसकी जानकारी पर गुड्डू ने अपने छोटे भाई गोलू व चचेरे भाई महेश को फोन कर गांव के बाहर बाग में बुलाया। इसके बाद बहाने से सुरेंद्र को बुलाकर उसकी डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद सुरेंद्र का शव बोरी में भरकर उसी की बाइक से गुड्डू व महेश मवई नहर के समीप फेंक आए। वहीं उसकी बाइक भी फेंक दी। वारदात में प्रयुक्त दो डंडे व मृतक के मोबाइल को पास के बगीचे फेंक दिया गया। पुलिस ने आरोपित गुड्डू, गोलू व महेश के खिलाफ लिखापढ़ी कर चालान कोर्ट भेज दिया है। 

पत्नी के चरित्र पर संदेह बना पारिवारिक कलह का कारण

कौशांबी थाना क्षेत्र के मढ़ी मढ़ी गांव के मौला के तीन बेटे व दो बेटियां हैं। मौला ने छह साल पहले बड़ी बेटी आशा की शादी ककरहाई गांव निवासी सुरेंद्र से की थी। शादी के पहले से सुरेंद्र सऊदी में रहकर वेल्डिंग का काम करता था। विवाह के बाद आशा से दो बच्चे हुए। बड़ा बेटा पांच और छोटा तीन साल का है। शादी के बाद भी सुरेंद्र का सऊदी आना-जाना लगा रहा। इसी बीच आशा की बहन यानी सुरेंद्र की साली मंजू का रिश्ता तय हुआ। इस शादी के लिए सुरेंद्र ने सुसरालवालों को डेढ़ लाख रूपये उधार दिये थे। हालांकि इसी बीच सुरेंद्र पत्नी के चरित्र पर संदेह करने लगा और कहने लगा कि दोनों बच्चे उसके नहीं है। बताते हैं कि सुरेंद्र ने पत्नी के मोबाइल को चेक किया तो उसमें कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो मिले। दशहरा पर सुरेंद्र घर आया तो पत्नी से इसी बात को लेकर विवाद हुआ। इससे कलह और बढ़ गई। सुरेंद्र पत्नी और बच्चों की पिटाई करने लगा। पुलिस ने बताया कि इसकी जानकारी मिलने पर 12 दिसंबर की रात हत्यारोपित गुड्डू बहनोई सुरेंद्र के घर पहुंचा। वहां से अपनी बहन और उसके बच्चों को अपने साथ अपने घर मढ़ी ले आया। यहां जब 13 दिसंबर की रात सुरेंद्र पहुंचा तो आरोपित ने भाई गोलू व महेश के साथ मिलकर बहनोई की हत्या कर दी। 

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