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500 करोड़ से अधिक की राजस्व क्षति पहुंचानेवाले अंतरराज्यीय गिरोह के 8 सदस्यों को STF ने किया गिरफ्तार

मेरठ के लोहियानगर का दिलशाद मलिक है मास्टरमाइंड

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आगरा के लोहामंडी थाने में दर्ज था धारा-467, 468, 471, 420 के तहत मुकदमा, बोगस फर्मों के जरिए होता था खेल

लखनऊ । विभिन्न राज्यों और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बोगस फर्मों का पंजीकरण कर फर्जी इनवाइस/ई-वे बिल के माध्यम से जीएसटी की चोरी कर लगभग 500 करोड़ से अधिक की राजस्व क्षति करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के आठ सदस्यों को गुरूवार को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।

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STF के हत्थे चढ़े जालसाजांं में मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के इस्लाम नगर का दिलशाद मलिक हैं। हालांकि यह मेरठ के ही ओखलेना कल्यानपुर का मूल निवासी है। इसके अलावार देवरिया जिले के भलुवनी क्षेत्र के मरवटिया उपाध्याय का रमेश पटेल, है, लेकिन इसका हालपता न्यू अशोक नगर दिल्ली का है। तीसरा अम्बेडकर नगर जिले के जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव का अंकुर तिवारी है। लेकिन इसका भी हालपता गौतमबुद्धनगर के सत्तीसईपुरम का है। अब चौथा स्वतंत्र कुमार तिवारी गाजियाबाद के पटेलनगर का है लेकिन यह भी अम्बेडकर नगर के जहांगीरगंज के आदमपुर गांव का निवासी है। पांचवां मो. वसीम मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है। मो. सोहेल भी मेरठ के ही गार्डेन कालोनी का रहनेवाला हैं। जबकि जावेद मलिक इसी जिले के लोहियानगर थाना क्षेत्र के न्यू इस्लाम नगर गली न.-35 का निवासी है। जबकि इकरामुददीन मेरठ के ही नौचंदी थाना क्षेत्र के 736 जैदी नगर सोसायटी का रहनेवाला है। एसटीएफ ने इनके पास से 90 विभिन्न फर्मों की कूटरचित मोहर, 18 मोबाइल फोन, 54 विभिन्न बैंको की चेकबुक, 7 पैन कार्ड, 4 वोटर कार्ड, 5 विभिन्न ट्रान्सपोर्ट कम्पनी की फर्जी बिल-बुक, 54 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, दो सिमकार्ड, तीन लैपटाप, 4 चार पहिया वाहन आदि बरामद किये हैं। एसटीएफ ने इन्हें मेरठ इकाई के कार्यालय में पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया है। 

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एसटीएफ को सूचनाएं और शिकायतें मिली थीं कि कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर बोगस फर्मों का पंजीकरण कर उसके माध्यम से फर्जी इनवाइसेज/ई-वे बिल काटकर वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट बेच कर राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है। इस मामले में आगरा के लोहामंडी थाने में धारा-467, 468, 471, 420 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि मेरठ का दिलशाद मलिक ग्रांड स्क्वेयर प्लाजा हापुड रोड मेरठ व गाजियाबाद में राणा एसोसिएट देविका चेम्बर आरडीसी में एकाउण्टेसी सम्बन्धी कार्यों को करता है। यहां सुहैल, वसीम, अंकुर तिवारी, स्वतंत्र तिवारी, रमेश व जावेद कार्य करते है। दिलशाद मलिक द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बोगस फर्में बनाना, बिना किसी परचेज के बोगस सेल्स इनवाईस काटना, बोगस ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना एवं फर्जी जीएसटी रिटर्न फाईल करने सम्बन्धी कार्य करता है।

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यह कार्य दिलशाद द्वारा स्वयं की एवं अन्य विभिन्न वास्तविक फर्मो को लाभ पहुंचाने हेतु किया जाता है। जबकि वास्तविक फर्म धारक अपना जीएसटी नम्बर, माल/सेवा की किस्म, मात्रा, कीमत का विवरण दिलशाद को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा जाता था। इस पर वह अपने कर्मियों सुहैल, वसीम, अंकुर तिवारी, स्वतंत्र तिवारी, रमेश व जावेद आदि के माध्यम से पूर्व में बनायी गयी बोगस फर्मों के सेल्स इनवाईस, ई-वे बिल आदि विवरण जीएसटी पोर्टल पर अपलोड कराकर उक्त विवरण सम्बन्धित वास्तविक फर्म धारको को उपलब्ध कराता था। इन बोगस इनवाईसेज में अंकित माल/सेवा की फर्जी परचेज को वास्तविक रूप देने के लिए सम्बन्धित फर्मों द्वारा बैंक खातों के माध्यम से सेल्स इनवाइस में अंकित रकम बोगस फर्म के खाते में ट्रांसफर दिखाई जाती है।

उक्त लेन-देन से सम्बन्धित धनराशि की पूर्ति बोगस फर्मों से कैश के माध्यम अथवा अन्य बोगस फर्मों से सकुर्लर ट्रेडिंग दिखाकर कर वास्तविक फर्म धारक कर लेता है। बैंक ट्रान्जेक्शन हेतु विभिन्न फर्मो के लागिन आईडी, पासवर्ड की एक्सेज अभियुक्तों के पास रहती है। इससे वह सम्बन्धित फर्मों से ओटीपी प्राप्त कर सुविधाजनक ढंग से लेन-देन करता है। आरोपितों द्वारा लखनऊ में भी फर्जी प्रपत्रों के आधार 6 बोगस फर्मे (हर्ष ट्रेडर्स, इन्दर इन्टरप्राइजेज, आरके इण्टरप्राइजेज, राहुल इन्टरप्राइजेज, मार्शल इम्पैक्स एवं कुमार ट्रेडर्स) पंजीकृत करायी गयी थी। इनके माध्यम से सर्कुलर ट्रेडिंग करते हुए स्वयं की एवं अन्य वास्तविक फर्मों को लाभ पहुंचाते हुए करोड़ों रूपये की जीएसटी चोरी कर राजस्व क्षति की गयी है।

यह भी पता चला कि आरोपितों द्वारा तमिलनाडू, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, नई दिल्ली, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, आसाम आदि राज्यों के पतों पर कई बोगस फर्में पंजीकृत कराकर उनके माध्यम से जीएसटी चोरी कर राजस्व को क्षति पहुंचाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों मेरठ, हापुड, गायिजाबाद, वाराणसी, नोएडा, कानपुर, लखनऊ, आगरा आदि के पतों पर भी कई बोगस फर्मे पंजीकृत करायी गयी थी। इसी प्रकार जनपद आगरा में 02 फर्मेपंजीकृत हुई है, जिसमें शर्मा इन्टरप्राइजेज नाम की फर्म भी है जिसके द्वारा अकेले 137 करोड़ रूपये की राजस्व क्षति की गयी है। अभियुक्तों के मोबाइल फोन में 50 से अधिक ई-मेल आईडी लागिन थी, जिनके माध्यम से बोगस फर्मों का पंजीकरण, फर्जी इनवाईस एवं ई-वे बिल काटने, जी०एस०टी० रिटर्न फाइलिंग एवं बैंक ट्रांजेक्शन सम्बन्धी ओटीपी प्राप्त किया जाता था। मोबाइल फोन में उपलब्ध बैंक ट्रान्जेक्शन के अवलोकन से बोगस फर्मों के माध्यम से अभियुक्तों द्वारा प्रथम दृष्टया लगभग 500 करोड़ से अधिक धनराशि की जीएसटी चोरी कर राजस्व क्षति की गयी है।
 

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