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बलात्कार के आरोप में जमानत पर छूटे सपा नेता कार्यकर्ताओं के सामने फूट-फूट कर रोये

कहा- जिन महिलाओं से बलात्कार के आरोप में मुझे जेल भेजा गया वह उन्हें जानते तक नही

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26 सितंबर को बेहद गोपनीय तरीके से हुई रिहाई 

एटा। एटा के अलीगंज विधानसभा से तीन बार विधायक रहे समाजवादी पार्टी के नेता रामेश्वर सिंह यादव तीन साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हो गये। रविवार को जैथरा स्थित अपने आरएस कोल्ड स्टोरेज पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे। उन्होंने कहाकि जिन महिलाओं से बलात्कार के मुकदमे में उन्हें जेल भेजा गया वह उन्हें जानते भी नही थे। फिर भी 75 साल की उम्र में उन्हें इस गंभीर आरोप में जेल भेजा गया। यह बताते हुए वह फूट-फूट कर रो पड़े। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

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Rameshwar singh

उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 75 वर्ष की उम्र में उन्हें बलात्कार जैसे मुकदमों में जेल भेजा गया, जबकि वे उन महिलाओं को जानते तक नहीं थे। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को उनकी रिहाई बेहद गोपनीय तरीके से हुई थी। रामेश्वर सिंह यादव ने यह भी बताया कि यदि उनकी रिहाई की खबर सार्वजनिक हो जाती, तो उन्हें और जुगेंद्र सिंह को जेल से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। उन पर कई ऐसे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिन महिलाओं की शिकायत पर उन्हें जेल भेजा गया, उनसे उनका कोई परिचय तक नही था। यह बताते हुए वह भावुक हो गये और कहाकि ’इन दुष्टों ने मुझे जिंदा रहने के काबिल नहीं छोड़ा’। पूर्व विधायक को रोते देख कार्यकर्ता स्तब्ध रह गए। यह देख कार्यकर्ताओं ने सरकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का विरोध किया और रामेश्वर सिंह जिंदाबाद के नारे लगाकर उनका हौंसला बढ़ाया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में चर्चा रही कि बीजेपी शासन में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का जानबूझ कर उत्पीड़न किया जा रहा है। लेकिन अब यह अत्याचार ज्यादा नही नही चलेगा। 

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आपको बता दें कि सपा के कद्दावर नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव और उनके भाई रामेश्वर सिंह यादव को 26 सितंबर को दर्ज मुकदमों में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद दोनों नेताओं को एटा जेल से रिहा कर दिया गया। रामेश्वर सिंह यादव 5 अक्टूबर को जैथरा में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं पर लगभग 100-100 मुकदमे दर्ज हैं।

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जुगेंद्र सिंह यादव को 9 मार्च 2023 को मथुरा के जैत मोड़ से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। गिरफ्तारी के बाद से वह जिला कारागार एटा में बंद थे। इससे पहले, पुलिस ने 9 जून 2022 को अलीगंज के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव को आगरा से गिरफ्तार किया था। उन्हें 10 जून को जेल भेजा गया था और बाद में सुरक्षा कारणों से अलीगढ़ की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। 

रामेश्वर सिंह यादव तीन बार विधायक रह चुके हैं। वह 1996 में अलीगंज विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने 2002 और 2012 में भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। 2017 और 2022 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जबकि जुगेंद्र सिंह यादव 2006 और 2011 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। उन्होंने 2017 और 2022 में एटा सदर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। वर्तमान में उनकी पत्नी रेखा यादव जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। दोनों नेताओं की जमानत मंजूर होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है।

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