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आगरा धर्मांतरण गैंग के 10 सदस्यों में 6 थे हिंदू, जन्नत के नाम पर करते थे ब्रेनवॉश 

10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर उगलेंगे राज, कोलकाता को मानते थे सुरक्षित स्थान

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यूपी डेस्क, भदैनी मिरर। पूरे देश में धर्मांतरण का खेल तेजी से चल रहा है। छागुर बाबा के बाद आगरा में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह के 10 सदस्य 10 दिनों तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर है। इस संगठित गिरोह के 10 सदस्यों में 6 पहले हिंदू थे। इस गिरोह से पूछताछ खुफिया एजेंसियों, एसटीएफ, एसटीए और स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस गैंग के 6 सदस्यों का ब्रेनवॉश कर हिंदू से मुस्लिम धर्म में कनवर्ट किया गया है। अब यही लोग धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे है। 
धर्मांतरण से होकर जाता है जन्नत का रास्ता
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन लोगों को "जन्नत का रास्ता धर्मांतरण से होकर जाता है" जैसा बताकर मानसिक रूप से तैयार किया गया। फिर इन्हें दूसरों को भी इसी रास्ते पर लाने का ज़िम्मा सौंपा गया। धर्मांतरण को ‘रिश्ते जोड़ना’ कहा जाता था। ये लोग कमजोर मानसिकता वाले या भावनात्मक रूप से असुरक्षित लोगों को शिकार बनाते थे।
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जाने पहले क्या था नाम
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस गिरोह की आयशा पहले गोवा की एसबी कृष्णा थी, अली हसन कोलकाता के शेखर राय, देहरादून के रूपेंद्र बघेल धर्मांतरण के बाद अबु रहमान बने, मोहम्मद अली पहले जयपुर के पीयूष सिंह पंवार थे, दिल्ली के मनोज मुस्तफा बन गए और कोलकाता की रीत बानिक मोहम्मद इब्राहिम बन गए है।
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इन सभी ने अपनी नई पहचान के साथ आधार कार्ड, वोटर आईडी जैसे दस्तावेज भी बनवा लिए थे ताकि वोटिंग प्रक्रिया में शामिल होकर खुद को कानूनी रूप से सुरक्षित रख सकें।
सोशल मीडिया बना हथियार 
धर्मांतरण का प्रचार-प्रसार और संपर्क सोशल मीडिया के ज़रिए किया जाता था। विभिन्न प्लेटफार्मों पर फेक अकाउंट्स के ज़रिए युवाओं, खासकर कम उम्र की लड़कियों को लव जिहाद के तहत फंसाया जाता था।
हालाँकि, उनका शारीरिक शोषण नहीं किया जाता था जब तक वह बालिग नहीं हो जाती थीं। बालिग होने के बाद उन्हें अक्सर कोलकाता बुला लिया जाता था, जहाँ गैंग को सबसे सुरक्षित माहौल महसूस होता था।
कोलकाता को मानते थे सबसे सुरक्षित
आरोपितों को लगता था कि पश्चिम बंगाल में पुलिस धर्मांतरण मामलों को गंभीरता से नहीं लेती, इसलिए वहाँ उनके मिशन के लिए अधिक सुरक्षित ज़मीन है। यही कारण था कि अधिकतर पीड़ितों को कोलकाता बुलाया जाता था।
पूछताछ में यह भी सामने आया कि देहरादून का अबु रहमान (पूर्व नाम रूपेंद्र बघेल) तीसरा निकाह करने की तैयारी में था। उसने एक युवती मरियम को पहले ही अपने जाल में फंसा रखा था।
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