
चौकानेवाला खुलासा : रामनगरी अयोध्या में हनुमानगढ़ी के प्रसाद में मिलावट
बजरंगबली के भक्तों की भावनाओं से हो रहा था खेलवाड़, हिदायत के बाद भी नही माने मुनाफाखोर



खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में बेसन के लड्डू और देशी घी में मिलावट पाई गई
विभाग ने लिये थे 31 दुकानों से सेम्पल जांच में फेल, प्रसाद में मिलाये जा रहे थे आर्टिफिशियल रंग
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में हनुमानगढ़ी के प्रसाद को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। फूड सेफ्टी विभाग (खाद्य सुरक्षा विभाग) की जांच में बेसन के लड्डू और देशी घी में मिलावट पाई गई है। नवरात्र और दीपावली को देखते हुए खाद्य विभाग ने छापेमारी की थी। रामनगरी में रोज लाखों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन जांच रिपोर्ट बता रही है कि मुनाफे के चक्कर में यहां श्रद्धालुओं की भावना से खेलवाड़ हो रहा है।


आपको बता दें कि अयोध्या धाम आने वाले श्रद्धालुओं में से 99 प्रतिशत श्रद्धालु हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन-पूजन के लिए अवश्य जाते हैं। जबकि सुरक्षा कारणों से राम जन्मभूमि में कोई श्रद्धालु किसी भी प्रकार का प्रसाद लेकर प्रवेश नहीं कर सकता है। जबकि कनक भवन और सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में श्रद्धालु प्रसाद चढ़ा सकते हैं। हनुमागढ़ी में बजरंग बली को बेसन के लड्डू का भोग लगाया जाता है। इस मामले को लेकर इससे पहले हनुमानगढ़ी के पूर्व महंत संजय दास महाराज ने हनुमानगढ़ी के आस पास लड्डू प्रसाद विक्रेताओं की बैठक की थी। इसमें सभी विक्रेताओं को हिदायत दी गई थी कि हनुमानजी को चढ़ाने वाले लड्डू (प्रसाद) की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाय और लड्डू को उच्च गुणवत्ता के बेसन और देसी घी से बनाया जाय। लड्डू का रेट 450 से 500 रुपए किलो तय किया गया था। सभी दुकानदारों ने इसे स्वीकार किया और पवित्रता के साथ गुणवत्ता के प्रसाद बेचने पर सहमति जताई थी। लेकिन मुनाफाखोरी श्रद्धालुओं की आस्था पर भारी पड़ गई।

जबकि इन दुकानदारों को पहले ही बता दिया गया था कि फूड सेफ्टी विभाग सभी दुकानों के प्रसाद की गुणवक्ता की जांच करेगा। अयोध्या के सहायक खाद्य अधिकारी द्वितीय मानिक चंद्र सिंह ने बताया कि फूड सेफ्टी के लिए दुकानों से 31 नमूने लिए गए थे। इसमें पेड़े, बेसन के लड्डू और देशी घी के सैंपल शामिल थे। जांच में तीनों सैंपल फेल हो गए। देशी घी और बेसन में मिलावट पाई गई। मामला गंभीर है और श्रद्धालुओं की भावना से जुड़ा है, इसलिए विस्तृत जांच के लिए फूड सेफ्टी की टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है। अब सिंघाड़े और कुट्टू के आटे की भी जांच की जा रही है। फिलहाल अबतक की जांच में सामने आया कि कुछ दुकानदार प्रसाद में आर्टिफिशियल रंग मिला रहे थे। इन उत्पादों की क्वॉलिटी संतोषजनक नहीं रही। देसी घी में रेंसिडिटी (बासीपन की मात्रा) अधिक पाई गई।

आपको बता दें कि इसी साल जुलाई माह में मंदिर प्रशासन की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था। कहा गया था लड्डू बेचने वाले दुकानदार डिब्बे पर दुकान का नाम, फोन नंबर लिखेंगे। मंदिर में सिर्फ शुद्ध देसी घी से बने प्रसाद का ही भोग लगेगा। यह आदेश प्रसाद में मिलावट की शिकायत मिलने के बाद जारी हुआ था। लेकिन प्रसाद की गुणवत्ता सुधरने की वजाय और खराब हो गई। आश्चर्य है कि इस जांच रिपोर्ट के बाद भी कतिपय दुकानदार ‘हाई-क्वॉलिटी’ के प्रसाद बेचने के दावे कर रहे हैं। इधर, मिलावट की रिपोर्ट के बाद सहायक आयुक्त मानिक ने कहाकि आने वाले त्योहार दीपावली को ध्यान में रखते हुए अब विभाग और सख्ती बरतेगा। अयोध्या के बाजारों में खोया, पनीर, बेसन और अन्य खाद्य सामग्रियों की निगरानी की जा रही है। ताकि नकली और मिलावटी उत्पादों की बिक्री पर लगाम लगाई जा सके।
यहां वास करते हैं हनुमानजी
हनुमानगढ़ी को लेकर ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी आज भी यहां वास करते हैं। इसलिए जब तक इस मंदिर के दर्शन न करो, रामलला के दर्शन अधूरे हैं। इस मंदिर की स्थापना 300 साल पहले हुई थी। ऐसे में यहां आनेवाले श्रद्धालुओं की भावना से खिलवाड़ का सिलसिला जारी है। मंदिर प्रशासन, खाद्य सुरक्षा विभाग की तमाम हिदायतों के बावजूद दुकानदारों ने चंद रूपयों के मुनाफे के लिए प्रसाद में मिलावट का खेल खेला। इसलिए यह मामला गंभीर है।

