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सम्भल का फिरोज पश्चिमी यूपी के जरायम जगत में बन गया था इफ्तेकार उर्फ शैतान

छैमार गिरोह के सक्रिय सदस्य और 1 लाख के इनामिया शैतान को बरेली पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था 

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तीन दिन बाद पुलिस को पता चला उसका असली नाम, पत्नी को पुलिस ले आयी बरेली तो दफनाया गया शव 

शैतान के खिलाफ सात जिलों में हत्या, लूट और डकैती के 19 मुकदमे, ठिकाने के साथ बदलता रहा नाम

बरेली, भदैनी मिरर। यूपी के बरेली जिले में नौ अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए एक लाख का इनामिया बदमाश का असली नाम इफ्तेकार उर्फ शैतान नहीं बल्कि फिरोज था। वह संभल जिले का रहनेवाला था। पुलिस टीमों ने तीन दिन की सघन जांच के बाद उसके परिवार को खोज निकाला। रविवार को फिरोज की पत्नी संभल से बरेली पहुंची। पुलिस व संस्था अवाम-ए-खिदमात कमेटी के सहयोग से उसके शव को कैंट के कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।

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गुरूवार की सुबह मुठभेड़ में मारे गए बदमाश की सही पहचान न होने से अधिकारी परेशान थे। एसएसपी अनुराग आर्य ने सात पुलिस कमिश्नर व एसपी को पत्र भेजकर पहचान में मदद कराने की अपेक्षा की थी। बरेली पुलिस भी मृतक का फोटो और उसके 15 नाम व सात पते लेकर घूम रही थी। लेकिन उसका सही पता नहीं मिल सका था। शनिवार को पुलिस ने संभल जिले के पते से उसके परिवार को खोज निकाला। उसका असली नाम फिरोज पुत्र अशाक हुसैन था। वह सम्भल के थाना हजरतनगर गढ़ी क्षेत्र के शेखजादा बिरादरी के मुकरर्मपुर गाव का रहनेवाला था। बरेली पुलिस गांव के प्रधान की मदद से फिरोज की पत्नी शायदा को ले आई। शायदा व प्रधान ने रविवार सुबह कैंट स्थित कब्रिस्तान में इफ्तेकार के शव को सुपुर्द-ए-खाक कराया। इस मामले में उसकी पत्नी शायदा से पुलिस पूछताछ कर रही है।

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आपको बता दें कि पुलिस तीन दिन तक फिरोज उर्फ इफ्तेकार उर्फ शैतान के परिजनों को तलाशती रही। उसके नाम पर कानपुर, लखनऊ, नोएडा, आगरा, वाराणसी और गाजियाबाद तक पुलिस गई, लेकिन कोई जानकारी नही मिली। काफी प्रयास के बाद उसके परिजन मिले। आखिरकार अवाम-ए-खिदमात कमेटी नाम की संस्था को सुपुर्द-ए-खाक की जिम्मेदारी सौंपी गई। रविवार सुबह उसरा शव दफनाया गया। मौके पर पुलिस अफसरों के साथ फोर्स तैनात रही। शैतान का नाम नवंबर 2024 में बिथरी चैनपुर के उदयपुर जसरथपुर गांव में हुई डकैती के बाद सामने आया था। नकाबपोश बदमाशों ने किसान केशर खां के परिवार को बंधक बनाकर लाखों की लूट की थी। इस वारदात के बाद पुलिस ने इसकी धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। चार अक्टूबर को पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों मुरादाबाद के अफताब उर्फ सैफ और शाहजहांपुर के देवेंद्र को मुठभेड़ में दबोचा था। पूछताछ में शैतान का नाम सामने आया।

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इसके बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया। गुरूवार को सुबह नैनीताल हाईवे पर बिलवा पुल के पास पुलिस ने शैतान को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। शैतान पर सात जिलों में हत्या, लूट और डकैती के 19 मामले दर्ज थे। इनमें मेरठ और बरेली में दोहरे हत्याकांड जैसी वारदात भी शामिल थीं। हर वारदात के बाद वह अपना नाम और ठिकाना बदल लेता था। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शैतान छैमार गिरोह का सक्रिय सदस्य था। गिरोह के सदस्य ज्यादातर दूर-दराज के जिलों में वारदात को अंजाम देते हैं। यह लोग अक्सर बैंड पार्टी या शादी समारोहों में शामिल होकर रेकी करते और फिर निशाने पर आए घरों में डकैती डालते थे। डकैती के दौरान विरोध करने पर हत्या कर देते थे। अब पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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