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बरेली जाने से पहले सपा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद लखनऊ में हाउस अरेस्ट

पिछले दिनों ‘आई लव मोहम्मद‘ जुलूस को लेकर ज्ञापन देने जा रहे थे लोग, भड़की हिंसा

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माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में पार्टी के 14 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को जाने से पहले कर लिया गया नजरबंद

लखनऊ। बरेली में ‘आई लव मोहम्मद‘ जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के बाद शनिवार को मामले की जांच के बरेली जानेवाले सपा के प्रतिनिधि मंडल का पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। बरेली हिंसा की जांच के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में पार्टी के 14 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को नामित किया था। अब सपा नेताओं के घर से निकलने से पहले लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय और संभल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हाउस अरेस्ट कर लिया। इससे पहले पुलिस ने नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को भी बरेली जाने से रोक दिया था। आपको बता दें कि माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा की टीम बरेली में कथित बेगुनाहों की गिरफ्तारी की जांच करने वाली थी।

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 नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय को सुबह उनके वृंदावन कॉलोनी स्थित सरकारी आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की भारी मौजूदगी के बीच उन्हें बरेली जाने से रोक दिया गया। सुबह से ही माता प्रसाद पांडेय के आवास पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई थी। किसी भी पार्टी कार्यकर्ता या प्रतिनिधि को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। मीडियाकर्मियों को भी आवास के अंदर प्रवेश की इजाजत नहीं मिली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही समाजवादी पार्टी के कुछ नेता माता प्रसाद से मिलने पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया और लौट जाने के निर्देश दिए।

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माता प्रसाद पांडेय का आरोप है कि हमें बरेली जाने की अनुमति नहीं दी गई। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर हमलोग बरेली जा रहे थे। ताकि हम उन निर्दोष लोगों से मिल सकें जिन्हें गलत तरीके से जेल भेजा गया है। लेकिन सरकार और प्रशासन हमें रोक रहा हैं। कहाकि अगर हमें रोकना ही था तो जिलाधिकारी (डीएम) की ओर से विधिवत नोटिस जारी दी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह बहुत गंभीर बात है कि पुलिस प्रशासन न तो नियमों का पालन कर रहा है और न लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान।

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आपको बता दें कि पिछले दिनों बरेली में ‘आई लव मोहम्मद जुलूस‘ को लेकर डीएम को ज्ञापन देने का एलान किया गया था। जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर सैकड़ों लोग जुटे। पुलिस ने उन्हें रोका तो पथराव, लाठीचार्ज हो गया। इस मामले में पुलिस ने मौलाना तौेकीर रजा समेत कई लोगें को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि गिरफ्तार किए गए कई लोग निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। इसी सूचना के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक जांच प्रतिनिधिमंडल बनाने का निर्णय लिया था। इस टीम में सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक शामिल थे। टीम का नेतृत्व नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय कर रहे थे।

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