
सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद से मिली जमानत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ
अब आदम खान को आराम से जमानत मिल सकती हैं, जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने इनके पक्ष में फैसला सुनाया हैं इस पुरे मामले की सुनवाई अलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 अगस्त अपने फैसले में सुरक्षित रख लिया था।


अलाहाबाद: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें Quality Bar जमीन हड़पने से जुड़े केस में जमानत दे दी है। यह केस काफ़ी पुराना है और उस पर लंबे समय से सुनवाई चल रही थी। आरोप है कि रामपुर में बनी Quality Bar की जमीन पर कब्जे की कोशिश की गई थी और इसमें आज़म खान का नाम जोड़ा गया था।



आज अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस समीऱ जैन की बेंच ने आज़म खान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। उनके वकील इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा। हालाँकि जमानत मिलने के बाद भी आज़म खान को जेल से तुरंत बाहर नहीं आना होगा, क्योंकि उन पर अन्य केस भी चल रहे हैं।

क्वालिटी बार जमींन केस क्या है?
यह केस 2008 का है जब Quality Bar के मालिक गगन अरोड़ा ने आज़म खान पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। शिकायत में कहा गया कि रामपुर-Delhi हाईवे पर स्थित जमीन को गलत तरीके से आज़म खान और उनके परिवार के नाम कर दिया गया। इस मामले में उनकी पत्नी ताज़ीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म के नाम भी शामिल किए गए थे।

हाईकोर्ट का फैसला
जस्टिस समीऱ जैन की सिंगल बेंच ने आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई की। बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने पाया कि केस में लंबे समय तक देरी हुई और कुछ पहलुओं पर संदेह भी है, इसलिए जमानत मंज़ूर कर दी गई।
क्या आजम खान जेल से बाहर आएंगे? हालाँकि इस केस में आजम खान को जमानत मिल गई है, लेकिन वे तुरंत जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। कारण ये है कि उन पर अन्य आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। पूरी तरह बाहर आने के लिए उन्हें बाकी केसों में भी राहत लेनी होगी।
पोलिटिकल इम्पैक्ट
आजम खान लंबे समय से कानूनी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। पार्टी का मानना है कि यह केस राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसे बड़ी जीत बताया। आजम खान की जमानत का फैसला निश्चित रूप से उनकी राजनीतिक यात्रा में राहत लेकर आया है। लेकिन जेल से बाहर आने के लिए अभी उन्हें और भी कानूनी लड़ाइयाँ जीतनी होंगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कब तक सभी मामलों से मुक्त होकर सक्रिय राजनीति में वापसी कर पाते हैं।

