राणा सांगा व करणी सेना प्रकरण : बनारसवाले मिश्राजी को पुलिस ने भेजा जेल
शनिवार को काशी विद्यापीठ स्थित घर के पास हरीश मिश्रा पर हुआ था हमला




हरीश समर्थकों ने भी दो हमलावरों को पकड़ कर कर दी थी पिटाई
मिश्राजी समेत तीन घायलों को पुलिस ने कराया था अस्पताल में भर्ती
वाराणसी भदैनी मिरर। करणी सेना पर विवादित बयान मामले में मारपीट के बाद अस्पताल में भर्ती सपा नेता हरीश मिश्रा उर्फ बनारसवाले मिश्रा जी को पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया। इससे पहले उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. आपको बता दें कि पिछले दिनों काशी विद्यापीठ के पास हुई मारपीट की घटना के बाद उन्हें कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गौरतलब है कि मिश्राजी की गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई से पहले विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव रविवार को वाराणसी स्थित सर्किट हाउस घटना की जानकारी ली थी। उन्होंने अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश कुमार सिंह को सर्किट हाउस बुलाकर मामले पर चर्चा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष हरीश मिश्रा को देखने और उनका हाल जानने मंडलीय अस्पताल भी गये थे. हरीश मिश्रा को जेल भेजे जाने के बाद यूपी की सियासत एक बार फिर गरमा गई है।

गौरतलब है कि शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे कथित करणी सेना से जुड़े कुछ लोग काशी विद्यापीठ के पास हरीश मिश्रा के घर पहुंचे और विवादित बयान को लेकर बहस करने लगे। इसी बीच कथित करणी सेना के लोगों ने हरीश मिश्रा को मारना शुरू कर दिया। मारपीट देख स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव किया और दो लोगों को पकड़ कर जमकर पीट दिया। जबकि अन्य हमलावर भाग निकले। हंगामे की सूचना पर सिगरा पुलिस पहुंची और मौके से पकड़े गये लोगों को थाने ले आई। इधर, हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हरीश मिश्रा समर्थकों ने थाने में हंगामा किया और जाम लगाया। बाद में इस प्रकरण में हरीश मिश्रा की शिकायत पर 9 लोगों पर हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज हुआ, जबकि दूसरे पक्ष के अविनाश मिश्रा की शिकायत पर हरीश मिश्रा समेत 20 लोगों के खिलाफ मारपीट और हिंसा का मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने हरीश मिश्रा, अविनाश मिश्रा और एक अन्य युवक स्वास्तिक उपाध्याय को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पुलिस ने चक्काजाम और हंगामा करने के मामले में हरीश समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ 7सीएलए, सरकारी काम में बांधा समेत विभिन्न धाराओं में भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि हरीश मिश्रा का आरोप है कि उन पर करणी सेना के लोगों ने सुनियोजित ढंग से जानलेवा हमला किया. जबकि पुलिस का कहना है कि हरीश पर हमला करनेवाले किसी भी राजनीतिक संगठन या करणी सेना से नहीं जुड़े हैं। यह मामला व्यक्तिगत विवाद का है, लेकिन इसे जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

वाराणसी में हुई मारपीट की घटना का सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी संज्ञान लिया था और सोशल मीडिया एक्स पर बयान दिया। कहा कि पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता पर हमला उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है। बता दें कि कांग्रेस सेवा दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले हरीश मिश्रा 2022 में विधानसभा चुनाव वाराणसी के कैंट विधानसभा सीट से लड़ चुके हैं. इससे पहले भी विवादित बयान के मामले में हरीश मिश्रा जेल जा चुके हैं.

