
राजीव कृष्ण बने यूपी के कार्यवाहक DGP, पांचवें अंतरिम प्रमुख की मिली जिम्मेदारी




लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के शीर्ष पद पर एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की गई है। 1991 बैच के तेजतर्रार और अनुभवशाली आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को प्रदेश का पांचवां कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। वह इस समय विजिलेंस निदेशक और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र माने जाने वाले राजीव कृष्ण को पुलिस भर्ती परीक्षा जैसी अत्यंत चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी पहले भी दी जा चुकी है, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया।
राजीव कृष्ण का प्रोफाइल
राजीव कृष्ण मूल रूप से नोएडा के रहने वाले हैं और उनका जन्म 26 जून, 1969 को हुआ था। वे एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जहां कई सदस्य सिविल सेवा व राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह, लखनऊ में आयकर आयुक्त हैं, जबकि साले राजेश्वर सिंह सरोजनीनगर से बीजेपी विधायक हैं और पूर्व में ईडी अफसर रह चुके हैं। राजेश्वर की पत्नी लक्ष्मी सिंह, नोएडा की पुलिस कमिश्नर हैं।


करियर की प्रमुख तैनातियाँ:
* प्रशिक्षु आईपीएस: इलाहाबाद (1991)
* एएसपी: बरेली, कानपुर, अलीगढ़
* एसपी: फिरोजाबाद, इटावा, मथुरा, बुलंदशहर, आगरा, लखनऊ
* डीआईजी: लखनऊ (मायावती शासनकाल)
* आईजी: मेरठ रेंज
* एडीजी: लखनऊ व आगरा जोन
* केंद्रीय प्रतिनियुक्ति: 2012 से 2017 तक
* पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष व विजिलेंस निदेशक

अभी स्थाई नियुक्ति नहीं:
राजीव कृष्ण, यूपी आईपीएस सीनियरिटी लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं। ऐसे में UPSC से स्थाई डीजीपी के रूप में उन्हें अभी मंजूरी नहीं मिल सकती। संभावना है कि मार्च 2025 तक वे इस पद के लिए पात्र हो जाएंगे, जब कई वरिष्ठ अधिकारी रिटायर हो जाएंगे।

