UP के सभी 75 जिलों में खुलेंगे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दफ्तर, मंडल स्तर पर होंगे क्षेत्रीय कार्यालय




लखनऊ, भदैनी मिरर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के पुनर्गठन और सशक्तिकरण को लेकर बड़े सुधारों की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म" के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में यूपीपीसीबी के कार्यालय खोले जाएंगे और 18 मंडलों पर क्षेत्रीय कार्यालयों का पुनर्गठन किया जाएगा। जिन मंडलों में औद्योगिक गतिविधियां अधिक हैं, वहां एक से अधिक कार्यालय स्थापित किए जाएंगे।

पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने को होगी अलग-अलग सेल की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते पर्यावरणीय खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बोर्ड के भीतर विशेष यूनिट्स बनाई जाएंगी। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, हज़ार्डस वेस्ट, ई-वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए अलग-अलग सेल की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही जनशिकायतों के त्वरित समाधान, पर्यावरणीय जागरूकता, आईटी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉनिटरिंग और प्रकाशन एवं अनुसंधान कार्यों के लिए भी विशेष यूनिट गठित की जाएगी।

अनापत्ति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया होगी त्वरित
मुख्यमंत्री ने उद्योगों के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की प्रक्रिया को भी सरल और तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभी इस प्रक्रिया में 120 दिन तक का समय लग जाता है, लेकिन इसे घटाकर लाल श्रेणी के लिए 40 दिन, नारंगी के लिए 25 दिन और हरी श्रेणी के लिए 10 दिन के भीतर निस्तारित करने का प्रयास किया जाए।

खाली पदों पर होगी शीघ्र नियुक्ति
मुख्यमंत्री योगी ने बोर्ड में रिक्त पदों को शीघ्र भरने पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के योग्य युवाओं को आकर्षक पैकेज पर नियुक्त कर बोर्ड की क्षमता को बढ़ाया जाए। इसके लिए नियमानुसार बोर्ड स्तर पर निर्णय लिए जाएं।
शुल्क संरचना में होगा बदलाव
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोर्ड द्वारा वसूले जाने वाले अनापत्ति व सहमति शुल्क में वर्ष 2008 के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने बोर्ड को निर्देश दिया कि मौजूदा जरूरतों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शुल्क संरचना में आवश्यक संशोधन करें।
योगी सरकार का पर्यावरणीय संरचना पर फोकस
इस पूरी समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पर्यावरणीय संरचना को लेकर गंभीर है। बोर्ड को नई तकनीकों और तेज निर्णय क्षमता के साथ पर्यावरण संरक्षण के नए युग में प्रवेश करना होगा।

