गंगा जल की गुणवत्ता पर NGT सख्त : यूपीपीसीबी की लापरवाही पर लगाई फटकार, कहा- तथ्यों को छुपाने का प्रयास…




नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रयागराज में गंगा जल की गुणवत्ता को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है। रिपोर्ट दाखिल करने में हीलाहवाली करने पर एनजीटी ने यूपीपीसीबी के सदस्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।

UPPCB पर तथ्यों को छुपाने का आरोप
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी ने सुनवाई के दौरान कहा कि यूपीपीसीबी वास्तविक स्थिति को छुपाने का प्रयास कर रहा है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की सराहना करते हुए एनजीटी ने कहा कि CPCB की सख्ती के चलते सही तथ्य सामने आ सके हैं।

गंगा जल में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण
उन्होंने बताया कि, सुनवाई के दौरान एनजीटी ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि गंगा जल में फीकल कॉलीफॉर्म (Fecal Coliform) और बायो-केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) का स्तर निर्धारित मानकों से कहीं अधिक है। इससे गंगा का जल न तो आचमन योग्य है और न ही स्नान करने लायक।

NGT ने दिए सख्त निर्देश
एनजीटी ने स्पष्ट कर दिया कि गंगा जल की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और यूपीपीसीबी को जल्द से जल्द वास्तविक स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। अब देखना यह होगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मामले में क्या कदम उठाता है।


