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अब नही हो सकेगा चुपके से आना, शादी रचाना, बिना परिवार के सदस्य या धर्मगुरू के नही होगा रजिस्ट्रेशन

यूपी सरकार ने विवाह पंजीकरण नियम में किया बदलाव, आदेश लागू

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मौके पर मौजूद रहना चाहिए परिवार का सदस्य या पंडित, मौलवी या पादरी
 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब परिवार की सहमति के बिना गुपचुप तरीके से विवाह कर उसका पंजीकरण कराना आसान नहीं रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आईजी निबंधन ने विवाह पंजीकरण को लेकर नए अंतरिम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब विवाह पंजीकरण केवल उसी जिले की तहसील में किया जाएगा जहां वर-वधु या उनके माता-पिता निवास करते हों। सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में फर्जी शादी के मामलों पर लगाम कसने के लिए यह कदम उठाया है। सरकार ने विवाह पंजीकरण से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। यह बदलाव 7 जून से लागू भी हो गया। 

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नये आदेश के तहत शादी के दौरान परिवार के सदस्य की मौजूदगी भी जरूरी है। पहले यह सुविधा विवाह स्थल के आधार पर थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि विवाह स्थल पर होनेवाले विवाह पर भी सवाल उठने लगे और विवाद होने लगे थे। नए नियमों के तहत शादी के रजिस्ट्रेशन के समय परिवार के किसी सदस्य की मौजूदगी अनिवार्य होगी। अगर किसी कारण परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं हो सकता, तो शादी कराने वाले पंडित, मौलवी या पादरी को उपस्थित होना होगा। उन्हीं की गवाही पर रजिस्ट्रेशन पूरा होगा। शादी का वीडियो पेन ड्राइव में होना जरूरी है।

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इसका मतलब अब यह है कि बिना परिवार या धार्मिक गवाह के शादी का कानूनी पंजीकरण नहीं होगा। इसके साथ ही सरकार ने एक और नियम जोड़ा है कि शादी का वीडियो बनाकर उसे पेन ड्राइव में जमा करना अब जरूरी होगा। इसका मकसद यह है कि इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि शादी असली है और दोनों पक्षों की सहमति से हुई है। बिना वीडियो या अधूरे दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। आपको बता दें कि यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। कोर्ट ने शनिदेव बनाम यूपी सरकार के मुकदमे में कहा था कि विवाह पंजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी और मजबूत होनी चाहिए। ताकि कोई फर्जीवाड़ा न हो सके।

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कोर्ट की टिप्पणी के बाद एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने यह निर्देश जारी किए। सरकार के नए बदलाव के बाद माना जा रहा है कि अब गुपचुप शादियों और धोखाधड़ी के मामले आसान नहीं रहेंगे। बिना परिवार की जानकारी के या बिना पुख्ता साक्ष्यों के शादी का रजिस्ट्रेशन कराना संभव नहीं होगा। इससे विवाह की वैधता और गंभीरता दोनों बनी रहेगी। उत्तर प्रदेश के सभी तहसीलों में सब-रजिस्ट्रारों को नए नियमों का पालन सख्ती से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अब अगर आप यूपी में शादी का रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो ये सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज, गवाह और वीडियो मौजूद हों। नहीं तो घूमते रह जाओगे। 

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