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राहत की खबर! सिर्फ 'लाइक' करने से नहीं बनेगा केस - इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट को 'लाइक' करना अपराध नहीं है, जब तक आप उसे शेयर या फॉरवर्ड न करें!

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आरोपित के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में शुरू आपराधिक कार्यवाही रद्द 

प्रयागराज, भदैनी मिरर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट को केवल लाइक करना अश्लील या भड़काऊ सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण नहीं माना जा सकता। यह आईटी एक्ट का अपराध नहीं है। कोर्ट ने इमरान के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में शुरू आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी। हाईकोर्ट का यह फैसला सोशल मीडिया यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।

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पोस्ट को साझा व पसंद करने में दो अलग-अलग बातें
 

 
हाईकोर्ट ने कहा कि भड़काऊ पोस्ट पर आईटी एक्ट की धारा 67 लागू नहीं की जा सकती और न ही इसके लिए किसी सजा का प्रावधान है। उच्च न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लाइक करना नहीं, शेयर करना अपराध है। पोस्ट को साझा व पसंद करने में दो अलग-अलग बाते हैं। किसी पोस्ट या संदेश को तब ही प्रकाशित कहा जा सकता है, जब उसे शेयर या फारवर्ड किया जाए। वैसे भी आईटी एक्ट के तहत केवल अश्लील तस्वीर या वीडियो का प्रसारण ही अपराध के दायरे में आता है। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने आगरा के रहनेवाले इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी। 

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मंटोला के इमरान के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

मामला मंटोला थाना क्षेत्र का है। इमरान पर आरोप है कि उसने चौधरी फरहान उस्मान नाम की आईडी से फेसबुक पर प्रसारित एक पोस्ट को लाइक किया था। उसमें विरोध-प्रदर्शन व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के लिए आगरा कलक्ट्रेट पर लोगों को बुलाया गया था। पुलिस ने इमरान के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपपत्र ट्रायल कोर्ट में दाखिल किया था। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर इमरान को बतौर आरोपित तलब किया। इसके खिलाफ आरोपित इमरान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसके वकील ने अदालत में दलील दी कि युवक ने फेसबुक अकाउंट पर ऐसा कोई आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित नहीं किया है, जो आईटी एक्ट के तहत अपराध हो। 

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फेसबुक से भड़काऊ पोस्ट डिलीट कर दिया था

भड़काऊ पोस्ट पर आईटी एक्ट की धारा 67 लागू नहीं की जा सकती और न ही इसके लिए किसी सजा का प्रावधान है। इस धारा के दायरे में ऐसी उत्तेजक सामग्री आती है, जिससे अश्लीलता झलके। इस मामले में पुलिस का कहना था कि इमरान ने अपने फेसबुक से भड़काऊ पोस्ट डिलीट कर दिया है। लेकिन व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी ही सामग्री पाई गई है।

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