13 साल से नाम और वेष बदलकर रह रहा था 50 हजार का इनामी नक्सली, ATS ने किया गिरफ्तार
वाराणसी में पकड़ा गया, वर्ष 2012 में बलिया में ग्राम प्रधान की पत्नी की हत्या के बाद हुआ था इनाम घोषित
बलिया के अलावा बिहार के कई थानों में संगीन धाराओं के तहत दर्ज हैं मुकदमे
1986 में घर छोड़ माले से जुड़ गया, बाद में बना जोनल सेक्रेटरी
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रमुख सदस्य और 50 हजार रुपये के इनामी नक्सली सीताराम उर्फ विनय को ATS की वाराणसी इकाई ने काशी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। वह बलिया जिले के मनियर थाना क्षेत्र के मुड़ियारी का निवासी है और 13 वर्षों से नाम और भेष बदलकर छुप रहा था। वर्ष 2012 में बलिया में ग्राम प्रधान की पत्नी की हत्या के बाद इस पर इनाम घोषित किया गया था। यूपी एटीएस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) का प्रमुख सदस्य और पदाधिकारी रह रहा है। फरार नक्सली सीताराम उर्फ विनय जी उर्फ ओमप्रकाश उर्फ धनु है। कई मुकदमों का वांछित विनय पर पुरस्कार घोषित है। भेष और नाम बदलकर अलग-अलग राज्यों में छुपकर रह रहा है। इस सूचना को भौतिक एव इलैक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से विकसित किया जा रहा था।



सीताराम के बारे में बताया जाता है कि उसने 1986 में घर छोड़ दिया और माले से जुड़ गया। 1990 में 200 सीसी (सेंट्रल कमेटी) का जोनल सेक्रेटरी बना। फिर 21 सितंबर 2004 में एमसीसी (माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर) और पीडब्लूजी (पीपुल्स वार ग्रुप) के विलय के पश्चात सीपीआई (माओवादी) की बैठक में भी शामिल हुआ था। इसको जन आंदोलन सीपीआई (माओवादी) के विस्तार की जिम्मेदारी मिली थी। इसकी बैठकों में शहरी, नगरीय क्षेत्रों के सीपीआई (माओवादी) शामिल होते थे। सीताराम ने वर्ष 2012 में अपने साथियों के साथ मिलकर सहतवार थाना क्षेत्र के गांव अतरडरिया के ग्राम प्रधान मुसाफिर चौहान की पत्नी फूलमति की हत्या की थी। ग्राम प्रधान की भी हत्या की योजना थी, परंतु वह भाग गया था। वह ग्राम प्रधान की हत्या इसलिए करना चाहता था कि उसे उस पर पुलिस मुखबिर होने का संदेह था। इस घटना में सीताराम की प्रमुख भूमिका थी। इसका मुकदमा सहतवार थाने में दर्ज था।

इसी मुकदमें में सीताराम की गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक आजमगढ़ परिक्षेत्र ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। वर्ष 2023 में 15 अगस्त को सीताराम उर्फ विनय अपनी टीम के प्रमुख सदस्यों तारा देवी, उसके पिता लल्लूराम, सत्य प्रकाश वर्मा राम मुरति, विनोद साहनी के साथ मीटिंग कर रहा था। इस दौरान इसके सभी साथियों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से नक्सल विचारधारा को आगे बढ़ाने संबन्धी साहित्य एवं असलहा भी बरामद हुआ था। उस समय सीताराम फरार हो गया था। इस मामले में एटीएस लखनऊ थाना में पंजीकृत किया गया था। इसकी विवेचना एनआईए कर रही है। उत्तर प्रदेश में दर्ज मुकदमों के अलावा बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर, बांका सीतामढ़ी में भी इसके विरुद्ध बैंक डकैती, हत्या, मारपीट, अवैध असलहा रखने जैसे जघन्य मुकदमें दर्ज हैं। इस मामलों में ही वह फरार चल रहा था। एएनआई की पूछताछ में उसने संगठन के अन्य सदस्यों की जानकारी दी है। टीम उनकी तलाश कर रही है। सीताराम के खिलाफ बलिया के सहतवार थाना के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढी जिले के थाना रीगां, बांका के अमरपुर थानों में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं।

