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जौनपुर जिला अस्पताल में नग्न किन्नरों का हंगामा, डाक्टर और कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

घायल किन्नर का इलाज करने से इनकार करने पर भड़का किन्नरों का समूह

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इमरजेंसी वार्ड में मची अफरातफरी, किन्नरों का आक्रामक रूख देख भाग खड़े हुए कई कर्मचारी

दो डाक्टर, दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल, पुलिस ने किन्नरों के खिलाफ दर्ज की रिपोर्ट

जौनपुर, भदैनी मिरर। जौनपुर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज से इनकार करने पर शुक्रवार की रात करीब ढाई दर्जन किन्नरों के समूह ने नग्न होकर जमकर हंगामा किया। करीब 45 मिनट तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। मारपीट, हंगामे के दौरान किन्नरों की पिटाई से दो डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक वार्डबॉय गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में घायलों की ओर से थाने में तहरीर दी गई है। पुलिस ने हत्या के प्रयास समेत गंभीर धाराओं में किन्नरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावर किन्नरों की तलाश की जा रही है। उधर, डाक्टरों और कर्मचारियों के साथ हुई इस घटना से अन्य चिकित्सकों व कर्मचारियों में गहरा रोष है। उन्होंने कहा है कि यदि कार्रवाई नही होती तो वह हड़ताल पर चले जाएगा। वैसे सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि किन्नरों ने चिकित्सक और कर्मचारियों की जमकर धुनाई की। इनको पिटता देख कई कर्मचारी तो भाग खड़े हुए।

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घटना अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवार रात 8ः45 बजे हुई। इसकी शुरुआत शुक्रवार शाम को एक घायल किन्नर के इलाज से इनकार करने के कारण हुई। पीड़ित किन्नर का आरोप है कि मोहल्ले में जमीन विवाद के चलते उसके साथ मारपीट और यौन उत्पीड़न हुआ। जब वह अस्पताल इलाज के लिए पहुंची तो डॉक्टरों ने इलाज से इनकार कर दिया और वहां से भगा दिया। पीड़िता के अनुसार पुलिस ने भी उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। जब इसकी जानकारी किन्नरों के समूह को हुई तो शाम सात बजे वह पीड़ित किन्नर को लेकर गुरु किन्नर अक्षिता के पास पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी दी।

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इसके बाद गुरू अक्षिता ने सभी किन्नरों को बुला लिया। रात लगभग नौ बजे 20 से 25 किन्नर जिला अस्पताल पहुंचे और सीधे इमरजेंसी वार्ड में घुस गए। वहां पहुंचते ही कई किन्नरों ने अपने कपड़े उतार दिये। इसके बाद डॉक्टर पवन सिंह को पकड़कर पिटाई करने लगे। अफरातफरी मच गई। किन्नर लात-घूसों से पिटाई के साथ बाल पकड़कर खींच रहे थे। तभी बीच-बचाव करने पहुंचे नर्सिंग ऑफिसर आशीष सिंह, वार्डबॉय अमित सिंह और एक फार्मासिस्ट को भी किन्नरों ने अपने लपेटे में ले लिया। उनकी भी जमकर धुनाई की। हालत यह थी कि कुछ और कर्मचारी तो पहुंचे लेकिन डाक्टर और कर्मचारियों की पिटाई देख भाग निकले।

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किन्नरों का आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर पवन सिंह ने पीड़िता को इलाज से पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की शर्त रख दी। कहाकि बिना एफआईआर के वह इलाज नही करेंगे। यह भी आरोप है कि किन्नर के साथ गाली-गलौज कर स्टाफ ने बाहर निकाल दिया। किन्नरों के हमले से अफरतफरी के बीच मरीज और परिजन परेशान हो गये। कई मरीज और उनके परिजन भी बाहर भागे। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सिर्फ दो होमगार्ड थे। हमलावर किन्नरों के समूह के आगे वह बेवश रहे। इस मामले में सीएमएस डॉ. केके राय ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बताया कि पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार कर पुलिस को सौंप दी गई है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। घटना के बाद डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने चेतावनी दी कि यदि अस्पताल की सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम हुआ तो वे कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। उधर, एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से दोषियों की पहचान की जा रही है। किन्नरों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस टीमें गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। 

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