Movie prime
Ad

बहुचर्चित कफ सिरप तस्करी कांड : FIR रद करने की मांग वाली अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की खारिज

आरोपितों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में हंगामे के आसार

Ad

 
kand
WhatsApp Group Join Now

Ad
सदन में हंगामे का कारण बन सकता है कफ सिरप कांड

लखनऊ। प्रदेश के बहुचर्चित कफ सिरप मामले में दर्ज एफआईआर को रद करने की मांग वाली अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। मुख्य आरोपित  शुभम अग्रवाल समेत 40 आरोपितों ने गिरफ्तारी से रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने मांग को लेकर अर्जी दाखिल की थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। इसके साथ ही आरोपितों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है। 

Ad
Ad
Ad

आपको बता दें कि कोडीनयुक्त नशीले कफ सिरप कांड की जांच में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ आलम बाग के पास से सहारनपुर से दो आरोपित और सगे भाई अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में 25 हजार रुपये के इनामी शुभम जायसवाल का पूरा नेटवर्क सामने आया। उन्होंने एसटीएफ को बताया कि दोनों विशाल और विभोर राणा के लिए काम करते थे। विशाल और विभोर का शुभम जायसवाल के साथ व्यापारिक संबंध था। तीनों मिलकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी करते थे। माल वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और आगरा समेत अन्य जगहों से फर्जी ई वे बिल बनाकर बंगाल के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जाता था।

Ad

kand

इसके अलावा विशाल और विभोर के नेटवर्क के जरिये सिरप देश के कई राज्यों में पहुंचाया जाता था। इसी बीच शुभम ने अपने पिता भोला जायसवाल के नाम पर रांची में एबॉट कंपनी की सुपर स्टॉकिस्ट हासिल कर ली और इन दोनों से किनारा कर लिया। इसके बाद लाइसेंस और दस्तावेज की आड़ में वह बड़े पैमाने पर कफ सिरप की सप्लाई को कानूनी शिपमेंट की तरह दिखाता था। सुपर सुपर स्टॉकिस्ट के बाद शुभम की सप्लाई चेन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई थी। दोनों ने बताया कि सिरप की कई खेप रांची से सीधे यूपी और हरियाणा रूट पर भेजी भेजी गई।

Ad

इधर, ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि शुभम ने अपनी फर्म शैली ट्रेडर्स के नाम पर हिमाचल की फर्म से सिरप मंगाने के बाद उसे गाजियाबाद के गोदाम में रखता था। फर्जी फर्मों के कागज तैयार कर उसे आगरा, लखनऊ और वाराणसी तक सप्लाई करता था। वाराणसी से कोडीन सिरप की बड़ी खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड और पश्चिम बंगाल जाती थी। इसके बाद बांग्लादेश और नेपाल तक जाती थी। आपको बता दें कि कल से विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी का मामला मुख्य मुद्दा हो सकता है। इस कांड की आंच सत्ता तक पहुंच चुकी है। सत्ता से जुड़े लोगों के आरोपितों के साथ फोटो वायरल हुए हैं। इसलिए कफ सिरप कांड सदन में हंगामे का कारण बन सकता है।

Ad